खरगोन (मध्य प्रदेश)। रामनवमी की रात खरगोन के जमींदार मोहल्ला स्थित एक दुकान में चोरी की एक अनोखी घटना सामने आई है। यहां एक अज्ञात चोर ने लगभग 2.45 लाख रुपये की नकदी चुराने के बाद दुकान में एक माफीनामा छोड़ दिया। इस पत्र में चोर ने खुद को दुकानदार का 'भाई' बताते हुए अपनी मजबूरी का इमोशनल ज़िक्र किया है और छह महीने के भीतर पूरी राशि लौटाने का वादा भी किया है।
"पैसे चुराना मेरी मजबूरी थी, माफ कर देना भाई" — इस लाइन से शुरू होता है वह पत्र, जो चोर ने खुद टाइप कर दुकान में छोड़ा। पुलिस के अनुसार, चोर ने अपने पीछे सिर्फ पैसे ही नहीं छोड़े, बल्कि एक ऐसी कहानी भी लिख दी है, जो समाज की आर्थिक त्रासदी और नैतिक द्वंद्व को उजागर करती है।
कोतवाली थाने के सहायक उपनिरीक्षक अरशद खान ने बताया कि यह घटना रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात की है। जुजर अली बोहरा नामक दुकानदार की दुकान में रखे बैग से 2.45 लाख रुपये गायब हो गए, जबकि उसमें से 38 हजार रुपये वहीं छोड़ दिए गए।
"चोर ने पत्र में लिखा है कि वह पास ही का रहने वाला है, उस पर भारी कर्ज है और लेनदारों की लगातार परेशानियों से तंग आकर उसने यह कदम उठाया। उसने यह भी कहा कि वह चोरी जैसा अपराध करना नहीं चाहता था, लेकिन हालात ने उसे मजबूर कर दिया," – सहायक उपनिरीक्षक खान ने बताया।
चोरी में एक खास बात यह भी रही कि चोर ने न तो दुकान में तोड़फोड़ की और न ही पूरा बैग ले गया, बल्कि सिर्फ उतनी ही रकम उठाई, जितनी उसकी ज़रूरत थी। पत्र में उसने लिखा, “मैंने सिर्फ वही लिया है, जितना जरूरी था। बाकी पैसे छोड़ दिए हैं। छह महीने में सब लौटा दूंगा। आप चाहें तो मुझे पुलिस को सौंप सकते हैं।”
पुलिस ने दुकान से बरामद पत्र को सबूत के तौर पर जब्त कर लिया है और आरोपी की पहचान व तलाश जारी है। हालांकि अभी तक उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई है।