बड़वानी/नीमच।मध्यप्रदेश में 16 साल पुराने एक कथित फर्जी एनकाउंटर केस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, इसमें शामिल पुलिस अफसरों की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं। वर्ष 2009 में नीमच जिले में जिस कुख्यात अपराधी बंसी गुर्जर को मुठभेड़ में मारे जाने का दावा किया गया था, वह 2012 में जिंदा पकड़ा गया। अब इस प्रकरण की जांच कर रही सीबीआई ने दो पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया है, वहीं इस एनकाउंटर में भूमिका निभा चुके बड़वानी जिले के तत्कालीन एसडीओपी और वर्तमान एएसपी अनिल पाटीदार कथित तौर पर भूमिगत हो गए हैं।
जानकारी के अनुसार, सीबीआई ने हाल ही में डीएसपी ग्लैडविन एडवर्ड कार और प्रधान आरक्षक नीरज प्रधान को गिरफ्तार किया है। दोनों से पूछताछ जारी है। गिरफ्तारी की भनक लगते ही एएसपी अनिल पाटीदार ने 2 अप्रैल को मां की तबीयत का हवाला देकर छुट्टी ली और शासकीय वाहन के साथ इंदौर स्थित अपने घर चले गए। इसके बाद से उनका मोबाइल स्विच ऑफ है और वे अब तक संपर्क से बाहर हैं।
क्या है पूरा मामला?
वर्ष 2009 में नीमच जिले के नलवा गांव निवासी बंसी गुर्जर को कुख्यात अपराधी बताते हुए पुलिस ने कथित एनकाउंटर में मार गिराने का दावा किया था। इस कार्रवाई को उस वक्त के एसपी वेद प्रकाश, एसडीओपी अनिल पाटीदार और 20 से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने अंजाम दिया था। दावा किया गया था कि बंसी ने राजस्थान पुलिस पर हमला कर एक आरोपी को छुड़ा लिया था, जिसके बाद उसकी तलाश में नीमच पुलिस ने दो टीमें गठित की थीं।
मामले में नया मोड़ 2012 में तब आया, जब उज्जैन आईजी उपेंद्र जैन द्वारा गठित विशेष टीम ने बंसी गुर्जर को जीवित गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में बंसी ने खुलासा किया कि उसने पुलिस से बचने के लिए खुद को मृत घोषित करने की साजिश रची थी। उसने यह भी बताया कि राजस्थान निवासी घनश्याम धाकड़ ने भी इसी तरह की योजना अपनाई थी।
इस चौंकाने वाले खुलासे के बाद मामला सीआईडी को सौंपा गया, लेकिन फिर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल होने के बाद 2014 में इसकी जांच सीबीआई को ट्रांसफर कर दी गई।
गिरफ्तारी के बाद बढ़ा दबाव, भूमिगत हुए अधिकारी
सीबीआई की ताज़ा कार्रवाई में दो पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के बाद अब अन्य आरोपियों पर भी शिकंजा कसता जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, एएसपी अनिल पाटीदार कथित रूप से एक राज्यसभा सांसद से संपर्क में हैं और संभावित गिरफ्तारी से बचने की कोशिश में हैं।
बड़वानी एसपी जगदीश डाबर ने बताया कि पाटीदार 2 अप्रैल को मां की तबीयत के कारण अवकाश पर इंदौर रवाना हुए थे। उन्होंने वाहन चालक और गनमैन को वापिस भेज दिया, लेकिन इसके बाद से उनका कोई संपर्क नहीं हो पाया है।
अब सीबीआई की अगली कार्रवाई में कौन-कौन चपेट में आता है, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं।