ममता का अपमान...धूप, भूख और अपमान के बीच जिंदगी से जूझती मां



ममता की छांव तले बच्चों को बड़ा किया, वही मां जब संतान की अमानवीयता का शिकार बनी, तो पूरा मोहल्ला सन्न रह गया। गोहलपुर थाना क्षेत्र के नंदन विहार इलाके में एक बेटे और बहू ने वृद्ध मां को झुलसती गर्मी में घर की छत पर बेसहारा छोड़ दिया। मामला तब सामने आया, जब पड़ोसियों ने गुमनाम पत्र के माध्यम से प्रशासन को इस दर्दनाक स्थिति की सूचना दी।

जिला कलेक्टर के निर्देश पर त्वरित कार्रवाई करते हुए तहसीलदार और पुलिस बल मौके पर पहुंचे। दृश्य इतना भयावह था कि देखने वालों की आंखें भर आईं। तपती दोपहर में छत पर एक जर्जर खाट पर वृद्धा बेसुध हालत में मिली। सिर के ऊपर धूप से बचाव के नाम पर केवल एक पतली प्लास्टिक की चादर टांगी गई थी, जो गर्मी की तपिश रोकने में नाकाम थी। छत इतनी गर्म थी कि नंगे पैर चलना भी असंभव था, परंतु वृद्धा को महीनों से इसी नरकीय स्थिति में जीने को मजबूर किया जा रहा था।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, नंदन विहार त्रिमूर्ति नगर निवासी गुप्ता परिवार के बेटे ने कुछ माह पहले वृद्धा से छलपूर्वक उसकी जमीन-जायदाद अपने नाम करा ली थी। संपत्ति हड़पने के बाद मां के लिए घर में जगह नहीं रही। भूख-प्यास से तड़पती वृद्धा को बासी रोटियां और गंदे बर्तनों में पानी दिया जाता था। नीचे आने से रोकने के लिए सीढ़ियों पर दरवाजा तक लगा दिया गया था।

स्थानीय निवासियों के अनुसार, वृद्धा की दयनीय दशा देखना असहनीय हो गया था। उनकी पहल पर ही यह मामला प्रशासन तक पहुंच सका। पड़ोसियों ने मांग की है कि वृद्धा को तत्काल किसी सुरक्षित वृद्धाश्रम में स्थानांतरित किया जाए, ताकि जीवन के इस अंतिम पड़ाव में वह सम्मान और सुकून के साथ जी सके।

प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए वृद्धा को तत्काल संरक्षण में ले लिया है और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं। यह घटना समाज को एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर आधुनिकता की दौड़ में मानवता किस मोड़ पर आकर खो रही है।

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