मैहर। मध्य प्रदेश में धान खरीद में अनियमितताओं की शिकायतों के बाद आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने राज्य के विभिन्न जिलों में ताबड़तोड़ छापेमारी की। इसी कड़ी में शुक्रवार को सतना जिले के मैहर स्थित रामनगर ब्लॉक के मनकीसर खरीदी केंद्र समेत कई अन्य वेयरहाउस और उपार्जन केंद्रों पर कार्रवाई की गई। जांच में यहां बड़े पैमाने पर धान की हेराफेरी के संकेत मिले हैं।
प्रारंभिक जांच के अनुसार, मनकीसर खरीदी केंद्र में 4,000 क्विंटल धान के अभाव की शिकायत पर EOW को जांच रिपोर्ट सौंपी गई थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। आज भदनपुर स्थित पारस वेयरहाउस में भी अधिकारियों की टीम ने छापा मारा, जहां व्यापक स्तर पर अनियमितताओं के प्रमाण मिलने की संभावना जताई जा रही है।
प्रदेशभर में EOW की ताबड़तोड़ कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार, यह छापेमारी सिर्फ मैहर तक सीमित नहीं है, बल्कि सतना, रीवा, बालाघाट, डिंडोरी समेत कई जिलों में ईओडब्ल्यू ने एक साथ दबिश दी। गुरुवार को की गई कार्रवाई में बालाघाट जिले में 22,000 क्विंटल धान के गबन का खुलासा हुआ था। यहां 25 समितियों में भारी अनियमितताएं मिलीं, जिससे सरकार को करीब 5 करोड़ रुपये की चपत लगने का अनुमान है।
डिंडोरी जिले में भी 1,000 क्विंटल धान के गबन की बात सामने आई है। इन छापों से स्पष्ट है कि प्रदेशभर में धान खरीदी में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है।
EOW की रिपोर्ट का इंतजार
मैहर समेत अन्य जिलों में हुई ताजा कार्रवाई को लेकर अब सभी की नजरें EOW की विस्तृत रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो देर शाम तक आने की संभावना है। यह रिपोर्ट तय करेगी कि आगे किन अधिकारियों और संबंधित व्यक्तियों पर कार्रवाई होगी। प्राथमिक जांच में कई संदिग्ध नाम सामने आए हैं, जिनकी भूमिका खंगाली जा रही है।
सरकार द्वारा धान उपार्जन में पारदर्शिता लाने के प्रयासों के बावजूद इस तरह की अनियमितताएं लगातार उजागर हो रही हैं, जिससे प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं। अब यह देखना अहम होगा कि इस घोटाले में लिप्त दोषियों पर कब तक और कैसी कार्रवाई होती है।