भोपाल में फर्जी कॉल सेंटर के जरिए करोड़ों की ठगी, आरोपी फरार



शेयर मार्केट में निवेश का झांसा देकर लोगों को बनाया शिकार, पुलिस जांच में बड़ा खुलासा

भोपाल। राजधानी भोपाल में शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर बड़े पैमाने पर ठगी का मामला सामने आया है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि प्रभात चौराहा स्थित एक इमारत की चौथी मंजिल पर पिछले चार साल से एक फर्जी कॉल सेंटर संचालित किया जा रहा था, जहां मासूम निवेशकों को मोटे मुनाफे का झांसा देकर उनकी गाढ़ी कमाई हड़पी जा रही थी। इस ठगी के मास्टरमाइंड अफजल खान और साहिबा खान बताए जा रहे हैं, जो खुद को बेंगलुरु की एक प्रतिष्ठित कंपनी का कर्मचारी बताकर विश्वास जीतते थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश जारी है।

कैसे चलता था फर्जीवाड़ा?

इस गिरोह का तरीका बेहद संगठित और योजनाबद्ध था। कॉल सेंटर में उच्च शिक्षित युवाओं को भर्ती कर उन्हें विशेष ट्रेनिंग दी जाती थी, जिसमें उन्हें निवेशकों को शेयर बाजार में 200% तक मुनाफे का लालच देने की कला सिखाई जाती थी। इन टेली-कॉलर्स को ₹10,000 से ₹12,000 की मासिक सैलरी दी जाती थी, और उनका मुख्य काम संभावित निवेशकों को जाल में फंसाना था।

टारगेटेड निवेशकों की सूची बनाई जाती थी

कॉल सेंटर के कर्मचारी दिनभर अलग-अलग संभावित निवेशकों से बात करते थे और उनकी एक विस्तृत सूची तैयार की जाती थी। इसमें निवेशक का नाम, टेली-कॉलर का नाम, निवेश में रुचि और संभावित राशि जैसी जानकारियां शामिल होती थीं। यह पूरी जानकारी गिरोह के मास्टरमाइंड तक पहुंचाई जाती थी, जो आगे की ठगी की योजना बनाते थे।

वॉट्सऐप चैट से हुआ बड़ा खुलासा

पुलिस को जांच के दौरान इस ठगी से जुड़े कई अहम सबूत मिले हैं। वॉट्सऐप चैट में यह भी पाया गया कि टेली-कॉलर्स निवेशकों को भ्रमित करने के लिए झूठे दावे करते थे। एक चैट में एक टेली-कॉलर एक ग्राहक से कह रही है—

"सर, कल यूनियन बजट पेश होना है, अपने सेविंग अकाउंट में कम से कम 50 हजार से ज्यादा फंड रखिएगा। 200 फीसदी प्रॉफिट बुक होगा।"

इस तरह के संदेशों के जरिए ग्राहकों को लुभाया जाता था और उनकी गाढ़ी कमाई ठग ली जाती थी।

आरोपी फरार, पुलिस कर रही छानबीन

मुख्य आरोपी अफजल खान, साहिबा खान और उनके अन्य सहयोगी फिलहाल फरार हैं। पुलिस को जांच में यह भी पता चला है कि अफजल और साहिबा का टीकमगढ़ में आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। भोपाल पुलिस ने टीकमगढ़ पुलिस से भी संपर्क किया है और आरोपियों के बैंक खातों की जानकारी खंगाली जा रही है। अब तक इस ठगी से जुड़े करीब ₹14 करोड़ के लेन-देन का खुलासा हो चुका है।

पीड़ित लगातार पहुंच रहे पुलिस के पास

इस फर्जी कॉल सेंटर के झांसे में आए कई निवेशक अब पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। एडिशनल डीसीपी रश्मि दुबे अग्रवाल ने बताया कि पुलिस ने कॉल सेंटर से कई सिम कार्ड और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए हैं, जिनकी जांच जारी है।

कैसे बचें इस तरह की ठगी से?

  • किसी भी निवेश से पहले कंपनी की विश्वसनीयता की जांच करें।
  • 100% या असाधारण मुनाफे का दावा करने वाली योजनाओं से बचें।
  • केवल आधिकारिक वेबसाइट और सरकारी मान्यता प्राप्त स्रोतों से निवेश संबंधी जानकारी लें।
  • किसी भी अज्ञात व्यक्ति को अपने बैंक डिटेल्स या ओटीपी साझा न करें।
  • ठगी की आशंका होने पर तुरंत पुलिस से संपर्क करें।


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