भोपाल। राजधानी से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है। होम्योपैथी के डॉक्टर हरिकिशन शर्मा और उनकी बेटी चित्रा शर्मा ने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने घटनास्थल से एक सुसाइड नोट बरामद किया है, जिसमें डॉक्टर ने अपने मनोभावों को व्यक्त किया और अपने शव को अस्पताल को दान करने की इच्छा जताई।
शनिवार रात घटी दर्दनाक घटनागोविंदपुरा थाना क्षेत्र में शनिवार देर रात यह घटना घटी। रविवार सुबह करीब 10:30 बजे जब एक मरीज डॉक्टर के घर पहुंचा और दरवाजा नहीं खुला, तो उसने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो अंदर का नजारा भयावह था। पहले कमरे में डॉक्टर हरिकिशन शर्मा का शव फांसी से लटका मिला, जबकि दूसरे कमरे में उनकी बेटी चित्रा मृत पड़ी थी।
कोरोना काल में पत्नी और बेटे की मौत बनी वजह?75 वर्षीय डॉक्टर हरिकिशन भेल से सेवानिवृत्त होने के बाद घर में ही होम्योपैथिक इलाज किया करते थे। पुलिस जांच में पता चला है कि उनकी पत्नी और बेटे की मृत्यु कोरोना महामारी के दौरान हो गई थी, जिसके बाद से वे गहरे अवसाद में थे। उनकी बेटी चित्रा भी मानसिक रूप से अस्वस्थ थी, जिससे उनकी परेशानियां और बढ़ गई थीं। पुलिस को संदेह है कि डॉक्टर ने पहले बेटी को जहर देकर मार डाला और फिर खुद फांसी लगा ली।
सुसाइड नोट में छलका दर्दपुलिस को घटनास्थल से चार पन्नों का एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें डॉक्टर हरिकिशन ने अपनी बेबसी बयां की है। उन्होंने लिखा कि वे कई बीमारियों से ग्रसित थे और बेटी की देखभाल करना उनके लिए कठिन होता जा रहा था। उन्होंने अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए यह भी लिखा कि अब वे यह सब सहन नहीं कर सकते। इसके साथ ही उन्होंने अपने और बेटी के शवों को अस्पताल में दान करने की इच्छा प्रकट की।
परिवार का दर्द और पुलिस जांचहरिकिशन शर्मा की एक और बेटी और दामाद भोपाल में ही रहते हैं। दामाद ने बताया कि पत्नी और बेटे की मौत के बाद से ही डॉक्टर पूरी तरह टूट चुके थे। इसी सदमे में उनकी बेटी चित्रा की मानसिक स्थिति भी बिगड़ती चली गई।
फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि बेटी की मौत का सही कारण क्या था। इस घटना ने समाज को आत्महत्या के कारणों और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया है।