मध्य प्रदेश में आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई: फर्जी टैक्स रिफंड घोटाले का पर्दाफाश, 4 गिरफ्तार

 


इंदौर | मध्य प्रदेश में आयकर बचत के नाम पर एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। आयकर विभाग (IT) की छापेमारी में टैक्स रिफंड घोटाले में संलिप्त चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई शुक्रवार (31 जनवरी) को इंदौर, देवास और राजगढ़ में की गई, जहां आरोपियों द्वारा 15 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का मामला सामने आया है।

कैसे होता था फर्जीवाड़ा?

आयकर विभाग के अनुसार, गिरोह के सदस्य सरकारी कर्मचारियों और अन्य करदाताओं को टैक्स बचाने का झांसा देकर उनके दस्तावेज प्राप्त करते थे। इसके बाद, वे फर्जी रिटर्न दाखिल कर अवैध रूप से टैक्स रिफंड क्लेम करते थे। इस प्रक्रिया में टैक्स प्रैक्टिशनर्स (CA) और कर सलाहकारों की संलिप्तता भी उजागर हुई है, जो गलत कटौती और छूट दिखाकर करोड़ों रुपये के फर्जी रिफंड दिलवा रहे थे।

तीन जिलों में फैला था जाल

1. इंदौर

  • राऊ क्षेत्र में एक CA के यहां से 1300 से अधिक टीडीएस रिफंड मामलों का खुलासा हुआ।
  • दो वर्षों में 8 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की गई।
  • एक ही ईमेल और आईपी एड्रेस का उपयोग कर ऑनलाइन प्रक्रिया से फर्जीवाड़ा अंजाम दिया गया।

2. देवास

  • यहां 5.84 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी सामने आई।
  • एक कर सलाहकार की भूमिका संदिग्ध पाई गई, जिसने कई कर्मचारियों को गुमराह कर फर्जी रिफंड दिलवाए।

3. राजगढ़ (जीरापुर)

  • एक युवक ने 230 से अधिक टैक्स रिटर्न फाइल कर 60 लाख रुपये की टैक्स चोरी की।
  • टैक्स बचत के नाम पर फैक्ट्रियों, सरकारी उपक्रमों और सुरक्षा एजेंसियों के कर्मचारियों को निशाना बनाया गया।

फर्जीवाड़े का खुलासा कैसे हुआ?

आयकर विभाग ने हाल ही में टैक्स सिस्टम को ऑनलाइन और सरल बनाया था, लेकिन इसका दुरुपयोग बड़े स्तर पर होने लगा।

  • छोटे रिफंड मामलों (25,000 से 50,000 रुपये) में जांच नहीं होती थी, जिसका फायदा उठाकर आरोपियों ने धांधली की।
  • जब अचानक टीडीएस फाइल करने और रिफंड क्लेम करने वालों की संख्या बढ़ी, तो विभाग को संदेह हुआ।
  • तकनीकी विश्लेषण के दौरान पाया गया कि एक ही ईमेल और आईपी एड्रेस से हजारों रिफंड आवेदन किए गए।
  • जब अधिकारियों ने गहराई से जांच की, तो बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया।

दिव्यांग कोटे और डोनेशन में भी गड़बड़ी

जांच में यह भी सामने आया कि कई लोग दिव्यांग कोटे का गलत इस्तेमाल कर टैक्स बचा रहे थे।

  • एक व्यक्ति ने एक वर्ष खुद को दिव्यांग बताया और टैक्स छूट ली, लेकिन अगले वर्ष खुद को पूरी तरह स्वस्थ दिखाया।
  • राजनीतिक दलों और एनजीओ को दिए गए डोनेशन पर मिलने वाली टैक्स रियायत का भी गलत फायदा उठाया गया।
  • गिरोह के सदस्यों ने टैक्स छूट दिलाने के नाम पर कमीशन के रूप में भारी रकम वसूली।

लगातार हो रही छापेमारी

आयकर विभाग फर्जीवाड़े को रोकने के लिए लगातार सख्त कार्रवाई कर रहा है। इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। विभाग ने करदाताओं से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना देने की अपील की है।

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