सेंट नार्बट स्कूल में करोड़ों की वित्तीय अनियमितता, प्राचार्य समेत 6 पर एफआईआर

 


अवैध रूप से वसूली गई 3.32 करोड़ की राशि विदेशी खातों में ट्रांसफर

दमोह। मध्य प्रदेश के दमोह स्थित सेंट नार्बट स्कूल में वित्तीय अनियमितताओं का बड़ा मामला सामने आया है। स्कूल प्रबंधन पर आरोप है कि उसने अभिभावकों से अवैध रूप से 3.32 करोड़ रुपये वसूलकर विदेशी खातों में ट्रांसफर कर दिए। पुलिस ने इस मामले में स्कूल के पूर्व और वर्तमान प्राचार्य सहित छह लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार की धाराओं में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

छह वर्षों में अवैध वसूली, आठ किश्तों में विदेश भेजी गई राशि

पुलिस जांच के अनुसार, सेंट नार्बट स्कूल प्रबंधन ने वर्ष 2017-18 से 2022-23 के बीच अभिभावकों से अनुचित शुल्क वसूलकर 3 करोड़ 32 लाख रुपये इकट्ठा किए। यह राशि आठ किश्तों में "द सोसायटी ऑफ एबी ऑफ बर्न" नामक विदेशी संस्था को भेजी गई।

सीबीएसई नियमों का उल्लंघन, डुप्लीकेट आईएसबीएन वाली किताबों की जबरन बिक्री

सीबीएसई से मान्यता प्राप्त इस स्कूल पर अनुचित शुल्क वृद्धि के अलावा, अभिभावकों को डुप्लीकेट आईएसबीएन वाली किताबें खरीदने के लिए बाध्य करने का भी आरोप है। यह सीबीएसई एफिलिएशन बायलॉज 2018 के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।

स्कूल प्रबंधन का दावा गलत निकला, शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई

स्कूल प्रबंधन का दावा था कि संबंधित सोसायटी ने पूरी राशि वापस कर दी, लेकिन जांच में यह दावा निराधार पाया गया। जिला शिक्षा अधिकारी एस.के. नेमा की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने पूर्व प्राचार्य फादर पोल्सन एनपी, वर्तमान प्राचार्य फादर अनिल बारा, क्लर्क विनोद मुरप्पा, को-ऑर्डिनेटर प्रियंका पीटर, संस्था के संचालक मैनेजर फादर थॉमस केंडिओ प्रियम और पूर्व मैनेजर फादर अरुलानंदू के खिलाफ धारा 409 (विश्वासघात) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया है।

पुलिस ने मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इस अनियमितता में और कौन-कौन शामिल था।

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