हे भगवान! एक कील ने छीन ली मासूम की जान, हर मां-बाप के लिए सबक

 



गुरुग्राम के बांधवाड़ी गांव में शनिवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। 14 महीने की मासूम बच्ची तान्या की घर में खेलते-खेलते करंट लगने से मौत हो गई। यह हादसा उन सभी माता-पिता के लिए एक गंभीर चेतावनी है, जो अपने नन्हे बच्चों को खेलने के लिए अकेला छोड़ देते हैं।

कैसे हुआ हादसा?

शनिवार शाम तान्या घर के ग्राउंड फ्लोर पर खेल रही थी। उसकी मां घरेलू कामों में व्यस्त थी, जबकि पिता अपने काम पर गए हुए थे। खेलते-खेलते बच्ची को एक लंबी लोहे की कील मिल गई, जिससे वह खेलने लगी। मासूम तान्या को इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि यह खेल उसकी जिंदगी छीन लेगा।

बच्ची ने खेल-खेल में वह कील दीवार पर लगे बिजली के सॉकेट में डाल दी। जैसे ही कील सॉकेट में गई, तेज करंट ने मासूम को अपनी चपेट में ले लिया। बिजली के झटके से वह कमरे में दूर जा गिरी। चीख-पुकार सुनकर मां दौड़कर नीचे आई और बेटी को बेहोश पाया। घबराए परिवार ने बच्ची को तुरंत सेक्टर 10ए के सिविल अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने तान्या को मृत घोषित कर दिया।

पुलिस जांच में क्या पता चला?

ग्वाल पहाड़ी पुलिस चौकी को घटना की सूचना मिलते ही जांच शुरू कर दी गई। बच्ची के पिता, मोहित कुमार ने पुलिस को दिए गए लिखित बयान में बताया कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसा था और इसमें किसी भी तरह की साजिश या संदेह की कोई बात नहीं है। पुलिस अधिकारियों ने भी शुरुआती जांच के बाद इसे महज एक दुर्घटना करार दिया।

गुरुग्राम पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी संदीप कुमार ने बताया, "बिजली का झटका इतना तेज था कि बच्ची उछलकर कमरे में दूर जा गिरी। परिजन तुरंत अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है।"

मां-बाप के लिए सबक

यह हादसा उन सभी माता-पिता के लिए एक गंभीर संदेश है, जिनके घर छोटे बच्चे हैं। बच्चों की जिज्ञासा और नासमझी कभी-कभी उनके लिए घातक साबित हो सकती है। इस हादसे ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि घर में बिजली से जुड़ी सुरक्षा बेहद जरूरी है।

विशेषज्ञों का कहना है कि घरों में लगे बिजली के सॉकेट्स को बच्चे की पहुंच से दूर रखना चाहिए। इसके अलावा, बच्चों को खेलते समय अकेला छोड़ना खतरनाक साबित हो सकता है।

इस दर्दनाक हादसे ने मासूम तान्या के परिवार पर दुखों का पहाड़ तोड़ दिया है। उनके आंसू कभी सूख नहीं पाएंगे, लेकिन यदि अन्य माता-पिता इस घटना से सीख लें, तो शायद किसी और मासूम की जिंदगी बच सके।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने