सूरत: गुजरात के सूरत के गोदादरा इलाके में आठवीं कक्षा की एक छात्रा द्वारा आत्महत्या करने की दर्दनाक घटना सामने आई है। छात्रा के परिवार ने आरोप लगाया है कि उसे स्कूल की फीस न चुकाने के कारण परीक्षा में बैठने से रोका गया और दिनभर कक्षा के बाहर खड़ा रखा गया। इस घटना से इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल है।
घटना का विवरण:
परिवार का दावा है कि स्कूल प्रशासन ने छात्रा को फीस बकाया होने की वजह से पूरे दिन कक्षा के बाहर खड़े रहने की सजा दी। इससे वह मानसिक रूप से परेशान हो गई और उसने स्कूल जाना बंद कर दिया। 21 जनवरी को, जब उसके माता-पिता काम पर गए थे, तब उसने घर में फांसी लगाकर जान दे दी।
परिवार का आरोप:
छात्रा के पिता राजू खटीक ने कहा, "मेरी बेटी ने रोते हुए बताया कि उसे फीस न चुकाने के कारण परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई। मैंने उससे कहा कि अगले महीने फीस भर दूंगा। लेकिन वह इतनी आहत थी कि उसने स्कूल जाने से मना कर दिया।"
स्कूल प्रशासन का बयान:
घटना पर स्कूल के प्रशासक मुकेशभाई ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा, "स्कूल का इस घटना से कोई संबंध नहीं है। यह दावा पूरी तरह निराधार है कि उसने फीस के कारण आत्महत्या की। फीस के मामलों पर केवल अभिभावकों से चर्चा की जाती है, छात्रों से नहीं।"
इलाके में आक्रोश:
घटना के बाद स्थानीय लोगों और अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल खड़े किए हैं। कई लोगों ने इसे शिक्षा प्रणाली की संवेदनहीनता का उदाहरण बताया।
मामला दर्ज:
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। यह पता लगाया जा रहा है कि छात्रा पर मानसिक दबाव का क्या स्तर था और स्कूल प्रशासन ने इस स्थिति को रोकने के लिए क्या कदम उठाए।