जबलपुर। महाराजपुर स्थित ज्ञानगंगा स्कूल में बुधवार सुबह फीस विवाद को लेकर माहौल तनावपूर्ण हो गया। आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने फीस न जमा करने वाले छोटे बच्चों को स्कूल से बाहर निकाल दिया, जिससे गुस्साए परिजन स्कूल पहुंचे और प्रबंधन से भिड़ गए। बात इतनी बढ़ गई कि दोनों पक्षों के बीच झगड़ा होने लगा। घटना की सूचना मिलने पर अधारताल थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया।
अभिभावकों का गंभीर आरोप
परिजनों ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधन ने लाठी का सहारा लेते हुए फीस जमा कराने के लिए धमकाया। एक अभिभावक ने कहा, "बिना पूर्व सूचना के हमारे छोटे-छोटे बच्चों को स्कूल से निकाल दिया गया। स्कूल के बाहर सड़क पर कोई हादसा हो जाता तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेता?"
कक्षा चौथी और पांचवीं में पढ़ने वाली छात्राओं ने बताया कि "फीस न देने पर शिक्षिकाएं हमें डांटती हैं और मारपीट तक करती हैं।" वहीं, पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों के परिजनों का कहना था कि स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को बाहर निकालकर शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन किया है।
स्कूल प्रबंधन का पक्ष
दूसरी ओर, स्कूल प्रबंधन का कहना है कि छात्रों और उनके अभिभावकों को कई बार फीस जमा करने के लिए सूचित किया गया था। प्रबंधन के अनुसार, "कुछ छात्रों की 12 से 15 महीने की फीस बकाया है। आज अर्धवार्षिक परीक्षा थी, और सुबह एक अभिभावक ने हमारे कंप्यूटर ऑपरेटर के साथ बदसलूकी और गाली-गलौच की। इसके बाद, अन्य अभिभावकों ने भी स्कूल कर्मचारियों के साथ झगड़ा शुरू कर दिया।"
पुलिस की मध्यस्थता से शांत हुआ विवाद
स्कूल परिसर में हंगामे की जानकारी मिलते ही अधारताल थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने दोनों पक्षों को शांत कराया और विवाद को बातचीत के माध्यम से सुलझाने का प्रयास किया।
फीस विवाद पर उठे सवाल
यह घटना शिक्षा प्रणाली में फीस को लेकर लगातार बढ़ रहे विवादों की ओर इशारा करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों की शिक्षा के अधिकार को बनाए रखते हुए स्कूल प्रबंधन को शुल्क संबंधी समस्याओं का समाधान मानवीय तरीके से करना चाहिए। वहीं, अभिभावकों को भी समय पर फीस जमा करने के प्रति जागरूक होना चाहिए।