करोड़ों की संपत्ति के मालिक पूर्व RTO आरक्षक सौरभ शर्मा ने किया सरेंडर, जान को बताया खतरा



भोपाल जिला कोर्ट में सोमवार, 27 जनवरी को मध्य प्रदेश परिवहन विभाग (RTO) के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा ने सरेंडर कर दिया। दुबई से भारत लौटने के बाद उन्होंने अदालत में जान को खतरा बताते हुए आत्मसमर्पण का आवेदन दिया। यह आवेदन सौरभ की पत्नी राधिका के माध्यम से न्यायाधीश राम प्रताप मिश्र की अदालत में पेश किया गया। वकील राकेश पाराशर ने इस मामले में सरेंडर की अपील की है।

क्या है पूरा मामला?

सौरभ शर्मा का नाम उस वक्त सुर्खियों में आया जब 19 दिसंबर को लोकायुक्त ने उनके घर और दफ्तर पर छापा मारा। इस कार्रवाई में करीब 2.95 करोड़ रुपये नकद, दो क्विंटल चांदी, सोने-चांदी के आभूषण और कई संपत्तियों के दस्तावेज बरामद हुए। उसी दिन भोपाल के मेंडोरी जंगल में एक कार से 54 किलो सोना और 11 करोड़ रुपये नकद मिले थे। यह कार सौरभ के दोस्त चेतन सिंह की बताई गई।

23 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया, जिसके बाद से ED, आयकर विभाग (IT) और लोकायुक्त की संयुक्त जांच चल रही है।

अब तक की जांच में क्या-क्या मिला?

जांच एजेंसियों को सौरभ शर्मा और उनके सहयोगियों के ठिकानों से करोड़ों की संपत्ति और नकदी मिली है। अब तक की कार्रवाई में बरामद आंकड़े चौंकाने वाले हैं:

  • लोकायुक्त: 7.98 करोड़ रुपये का कैश, सोने-चांदी के जेवरात, और संपत्ति से जुड़े दस्तावेज।
  • आयकर विभाग: 11 करोड़ रुपये नकद समेत 41.60 करोड़ रुपये के आभूषण और अन्य संपत्तियां।
  • ED: 4 करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस, 6 करोड़ रुपये की एफडी, और 23 करोड़ रुपये की संपत्तियां।

संयुक्त रूप से इन एजेंसियों ने करीब 100 करोड़ रुपये की काली कमाई का खुलासा किया है। तलाशी अभियान में आपत्तिजनक दस्तावेज और लेनदेन के प्रमाण भी मिले हैं, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के बड़े नेटवर्क का संकेत मिलता है।

क्या कहता है सरेंडर का कारण?

सौरभ शर्मा ने अपने वकील के माध्यम से अदालत को सूचित किया है कि उनकी जान को गंभीर खतरा है। दुबई से वापसी के तुरंत बाद उन्होंने खुद को कानूनी सुरक्षा के तहत लाने का फैसला किया।


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