मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के खुनाझिर खुर्द गांव में एक पुराने कुएं में गहरीकरण कार्य के दौरान बड़ा हादसा हो गया। कुआं अचानक धंस गया, जिससे एक महिला और दो पुरुष मलबे में दब गए। यह हादसा उस वक्त हुआ जब मजदूर कुएं से मलबा निकालने का कार्य कर रहे थे।
घटना से मचा हड़कंप
कुएं के धंसने की सूचना मिलते ही पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई। मौके पर मौजूद मजदूरों ने तुरंत इस घटना की जानकारी पुलिस को दी। स्थानीय प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई और तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।
प्रशासन की तत्परता
मौके पर पहुंचे कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने बताया कि यह घटना उस समय हुई जब खेत की सिंचाई के लिए कुएं का गहरीकरण किया जा रहा था। मलबे में दबे मजदूरों की पहचान सीहोर निवासी राशिद, बाशीद और शहजादी के रूप में हुई है। “तीनों मजदूरों के चेहरे दिख रहे हैं और ऑक्सीजन की फिलहाल आवश्यकता नहीं है। जल्द ही उन्हें सुरक्षित निकाल लिया जाएगा,” कलेक्टर ने बताया।
15 घंटे से जारी रेस्क्यू ऑपरेशन
एनडीआरएफ की 30 सदस्यीय टीम और स्थानीय प्रशासन मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। घटनास्थल पर चार एंबुलेंस तैनात की गई हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कुएं में पानी भरने से मुश्किलें आईं, लेकिन मोटर पंप की सहायता से पानी निकालने के बाद बचाव कार्य जारी है। मजदूरों की आवाजें अभी भी सुनाई दे रही हैं, जिससे उनके सुरक्षित होने की उम्मीदें मजबूत हैं।
ब्लास्टिंग बनी हादसे की वजह
गांव वालों के अनुसार, यह कुआं काफी पुराना और कच्चा था। खेतों में पानी की कमी को पूरा करने के लिए ब्लास्टिंग कर इसे गहरा किया जा रहा था। ब्लास्टिंग के कारण कुआं कमजोर हो गया और मलबा निकालने के दौरान यह हादसा हो गया। मजदूर मशीनों की सहायता से मलबा हटा रहे थे, जब अचानक कुआं धंस गया।
बचाव कार्य में चुनौती
घटनास्थल पर पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद हैं। बचाव कार्य के दौरान सबसे बड़ी चुनौती पानी का भरना और मलबे को हटाना है। एनडीआरएफ की टीम विशेष उपकरणों का उपयोग कर रही है ताकि मलबे में दबे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।