सिंगरौली। जिले के बरगवां थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बड़ोखर में हुए जघन्य सामूहिक हत्याकांड का पुलिस ने 48 घंटे के भीतर पर्दाफाश कर लिया है। इस मामले में एक नाबालिग सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया था, जब 4 जनवरी 2025 को एक सेप्टिक टैंक से चार लोगों के शव बरामद हुए। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और साइबर विशेषज्ञों की मदद से यह मामला सुलझा लिया गया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में हुआ खुलासा
पुलिस अधीक्षक सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में रीवा जोन के उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) साकेत प्रकाश पांडे ने बताया कि हत्याकांड की जड़ें आपसी रंजिश से जुड़ी थीं। घटना का मास्टरमाइंड राजा रावत है, जिसने अपने पांच साथियों की मदद से इस नृशंस कृत्य को अंजाम दिया। आरोपियों को जिले के विभिन्न हिस्सों और वाराणसी से गिरफ्तार किया गया है।
हत्या की चौंकाने वाली कहानी
पुलिस के अनुसार, राजा रावत ने अपने साथियों के साथ मिलकर मृतकों को पहले पार्टी का लालच दिया। पार्टी के दौरान उसने योजना के तहत तीन लोगों को गोली मारी और एक व्यक्ति का गला दबाकर धारदार हथियार से हमला किया। इसके बाद सभी शवों को सेप्टिक टैंक में डाल दिया गया। शवों की स्थिति और स्थान से घटना की बर्बरता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
पुरानी रंजिश बना मौत का कारण
प्रारंभिक जांच से पता चला कि आरोपी राजा रावत और मृतकों के बीच जमीन विवाद और अन्य मुद्दों को लेकर लंबे समय से रंजिश चल रही थी। आरोपियों ने इस रंजिश को खत्म करने के लिए इस कांड को अंजाम दिया। पुलिस ने राजा रावत से एक देशी पिस्टल, चार जिंदा कारतूस और अन्य हथियार बरामद किए हैं।
पहली बार हुआ शवों का सिटी स्कैन
इस जघन्य कांड के खुलासे में पुलिस ने कई नई तकनीकों का सहारा लिया। शवों का सिटी स्कैन कर यह पता लगाया गया कि गोली लगने के बाद शरीर में बुलेट फंसी हुई थी।
आरोपियों की सूची
गिरफ्तार आरोपियों में राजा रावत (25), बुद्धसेन साकेत (20), हरिश्चंद्र साकेत उर्फ शुभम (21), रोहित साकेत (21) और एक नाबालिग शामिल हैं। वहीं, फरार आरोपी नीरज साकेत को वाराणसी से गिरफ्तार कर लाया गया है।
पुलिस टीम की सराहना और पुरस्कृत करने की घोषणा
डीआईजी साकेत प्रकाश पांडे ने इस चुनौतीपूर्ण मामले को सुलझाने वाली पूरी टीम की सराहना की और पुलिस महानिदेशक द्वारा टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की। इस कार्य में साइबर सेल सहित जिले की पुलिस और एसआईटी का बड़ा योगदान रहा।