प्रयागराज: महाकुंभ मेले में रविवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब सेक्टर-19 में स्थित एक शिविर में हवन के दौरान आग भड़क उठी। इस भीषण अग्निकांड में 50 से अधिक पंडाल जलकर खाक हो गए। सिलेंडर ब्लास्ट की घटनाओं ने श्रद्धालुओं के बीच भय और अफरा-तफरी का माहौल पैदा कर दिया। हालांकि, राहत की बात यह है कि इस हादसे में अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
आग का विस्तार और घटनास्थल की स्थिति
यह घटना सेक्टर-19 में स्थित अखिल भारतीय धर्म संघ श्रीकरपात्री धाम वाराणसी के शिविर में हुई। यहां हवन के दौरान अचानक आग भड़क गई, जिससे एलपीजी सिलेंडर भी चपेट में आ गए। सिलेंडर फटने से आग ने विकराल रूप ले लिया और पास के शिविरों तक फैल गई। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि यह सेक्टर-20 तक पहुंच गई, जिसमें गीता प्रेस गोरखपुर का शिविर भी प्रभावित हुआ है।
दमकल और प्रशासन की सक्रियता
आग पर काबू पाने के लिए दमकल विभाग की 12 से अधिक गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग बुझाने का प्रयास जारी है। तेज हवा के कारण आग पर काबू पाने में कठिनाई हो रही है, लेकिन राहत एवं बचाव कार्य तेज गति से जारी है। मौके पर एंबुलेंस और सुरक्षा बल भी तैनात हैं।
श्रद्धालुओं में दहशत का माहौल
आग लगने और सिलेंडर ब्लास्ट की घटनाओं के चलते श्रद्धालुओं में दहशत फैल गई। कई श्रद्धालु अपनी जान बचाने के लिए पंडालों से बाहर निकलते दिखे। घटना के बाद श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम किया जा रहा है।
प्रशासन की अपील और जांच के निर्देश
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से शांत रहने और अफवाहों से बचने की अपील की है। मेले के सुरक्षा अधिकारियों ने आग लगने के कारणों की जांच के निर्देश दे दिए हैं। प्राथमिक जांच में हवन के दौरान लापरवाही की बात सामने आ रही है।
महाकुंभ का प्रबंधन सवालों के घेरे में
इस घटना ने महाकुंभ मेले के सुरक्षा प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इतनी बड़ी संख्या में सिलेंडरों का शिविरों में होना और आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए पर्याप्त इंतजाम न होना, व्यवस्थाओं की कमी को उजागर करता है।
श्रद्धालुओं और प्रशासन की प्राथमिकता
घटना के बाद श्रद्धालुओं की सुरक्षा और राहत कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है। स्थानीय प्रशासन और फायर ब्रिगेड की टीमें स्थिति को सामान्य करने के लिए दिन-रात जुटी हुई हैं।