अपडेट खबर: लोकायुक्त पुलिस ने जबलपुर के सिविल लाइन थाना में तैनात सब इंस्पेक्टर विनोद दुबे को 5000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया, यह कार्रवाई जबलपुर लोकायुक्त टीम द्वारा की गई

 लोकायुक्त पुलिस ने जबलपुर के सिविल लाइन थाना में तैनात सब इंस्पेक्टर विनोद दुबे को 5000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई जबलपुर लोकायुक्त टीम द्वारा की गई।



जबलपुर: 5,000 रुपये रिश्वत लेते पकड़ा गया सब-इंस्पेक्टर, लोकायुक्त ने दबोचा


जबलपुर: थाना सिविल लाइन के उप-निरीक्षक विनोद दुबे को आज लोकायुक्त की टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपी ने आवेदक जहांगीर खान से अपराध रिपोर्ट से उसका नाम हटाने के बदले ₹10,000 की मांग की थी। लोकायुक्त ने शिकायत की पुष्टि के बाद कार्रवाई की, जिसमें आरोपी को ₹5,000 की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया।


मामले का विवरण


आवेदक जहांगीर खान, 28 वर्षीय निवासी टेडी नीम, शास्त्री वार्ड, हनुमानताल, पुरानी गाड़ियों की खरीद-फरोख्त का व्यवसाय करता है। उनकी शिकायत के अनुसार, गाड़ी खरीदने के सिलसिले में सिविल लाइन थाने में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इस मामले से नाम हटाने के लिए उप-निरीक्षक विनोद दुबे ने ₹10,000 की मांग की।


जहांगीर खान ने रिश्वत न देने का फैसला करते हुए लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक से संपर्क किया। शिकायत दर्ज करने के बाद लोकायुक्त ने योजना बनाकर आरोपी को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।


रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार


लोकायुक्त की टीम ने ट्रैप योजना के तहत उप-निरीक्षक विनोद दुबे को ₹5,000 की पहली किस्त लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। आरोपी के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई जारी है।


टीम का नेतृत्व


कार्यवाही का नेतृत्व उप पुलिस अधीक्षक सुरेखा परमार ने किया। उनकी टीम में इंस्पेक्टर रेखा प्रजापति और भूपेंद्र कुमार दीवान सहित लोकायुक्त जबलपुर की अन्य अधिकारी शामिल थे।

यह घटना पुलिस विभाग के भीतर भ्रष्टाचार पर एक बार फिर सवाल खड़े करती है। लोकायुक्त की इस कार्रवाई ने न केवल न्याय सुनिश्चित किया है बल्कि यह संदेश भी दिया है कि कानून के रखवाले अगर भ्रष्टाचार करेंगे, तो उन्हें कानून के कठघरे में खड़ा किया जाएगा।


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