सतना, मध्य प्रदेश।
सतना जिले के प्राचीन वेंकटेश मंदिर में धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने वाली घटना ने लोगों में आक्रोश फैला दिया है। मंदिर परिसर में बॉलीवुड के एक मशहूर गीत "बाबूजी जरा धीरे चलो" पर युवतियों द्वारा डांस करते हुए रील बनाई गई, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। यह वीडियो सामने आने के बाद से स्थानीय लोगों और धार्मिक संगठनों ने इसकी कड़ी निंदा की है।
सोशल मीडिया का असर या आस्था का मजाक?
रील बनाने के जुनून ने युवाओं को इस हद तक पहुंचा दिया है कि वे धार्मिक स्थलों की मर्यादा को भी ताक पर रख रहे हैं। वायरल वीडियो में दो युवतियां छोटे कपड़ों में मंदिर परिसर के भीतर डांस करती नजर आ रही हैं। इस घटना ने न केवल भक्तों की भावनाओं को आहत किया है, बल्कि धार्मिक स्थलों की गरिमा पर भी सवाल खड़े किए हैं।
स्थानीय लोगों और संगठनों की प्रतिक्रिया
घटना के बाद क्षेत्रीय लोग और विश्व हिंदू परिषद (VHP) जैसे संगठनों ने इस कृत्य को "आस्था का अपमान" करार दिया है। VHP के जिला सह मंत्री लवकेश गर्ग ने कहा,
"रील बनाने का यह क्रेज अब शर्मनाक स्तर पर पहुंच गया है। धार्मिक स्थलों पर इस तरह की फूहड़ता समाज में गलत संदेश देती है। यह हमारी संस्कृति और आस्था का अपमान है। प्रशासन को तुरंत इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।"
मंदिर प्रबंधन और प्रशासन की भूमिका पर सवाल
स्थानीय लोगों ने मंदिर प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि मंदिर परिसर अब पिकनिक स्पॉट बनता जा रहा है। भक्तों ने शिकायत की है कि वहां दिनभर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है, जिससे धार्मिक माहौल प्रभावित होता है।
धार्मिक स्थलों पर नियमों की जरूरत
धार्मिक स्थलों पर अनुशासन बनाए रखने की मांग जोर पकड़ रही है। VHP ने प्रशासन से अपील की है कि ऐसे स्थलों पर कड़ी सुरक्षा और पाबंदी लगाई जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
समाज पर असर
सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। लोग सवाल उठा रहे हैं कि धार्मिक स्थलों पर इस तरह का कृत्य कैसे स्वीकार्य हो सकता है। भक्तों का कहना है कि आस्था के केंद्रों पर ऐसे वीडियो बनाना न केवल संस्कृति का अपमान है, बल्कि समाज के नैतिक मूल्यों को भी ठेस पहुंचाता है।