जबलपुर। शनिवार की सुबह कैंट क्षेत्र में आर्मी की क्यूआरटी (क्विक रिएक्शन टीम) द्वारा आरसी ग्राउंड के पास की गई जेसीबी कार्यवाही से स्थानीय रहवासियों में आक्रोश फैल गया। पेंटीनाका-गोराबाजार मार्ग पर स्थित आरसी ग्राउंड के आसपास के रास्तों को बंद करने के लिए आर्मी की टीम ने गड्ढे खोदने शुरू कर दिए। इसका उद्देश्य ग्राउंड के चारों ओर बाउंड्री वॉल का निर्माण करना बताया जा रहा है। लेकिन इस कदम ने क्षेत्रीय नागरिकों को परेशानी में डाल दिया, क्योंकि इन रास्तों का इस्तेमाल ग्राउंड से सटे बगीचों में रहने वाले लोग करते हैं।
रास्ते बंद होने से बढ़ी चिंता
रहवासियों के मुताबिक, इन रास्तों के बंद होने से उनका आवागमन बाधित होगा, जिससे उनके दैनिक जीवन पर गहरा असर पड़ेगा। जैसे ही लोगों को आर्मी की गतिविधियों की जानकारी मिली, वे सड़कों पर उतर आए और पेंटीनाका-गोराबाजार मार्ग पर आवागमन ठप कर दिया।
हंगामे की सूचना पर पुलिस और जनप्रतिनिधि पहुंचे
मामले की सूचना मिलने पर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि और पुलिस बल भी मौके पर पहुंचे। विरोध बढ़ता देख आर्मी ने अपनी कार्यवाही को कुछ समय के लिए रोक दिया। लेकिन जैसे ही लोग वहां से लौटे, आर्मी ने दोबारा काम शुरू करवा दिया, जिससे विवाद और गहरा गया।
"बिना सूचना, नोटिस के अचानक कार्रवाई अनुचित"
क्षेत्रीय निवासी नीलम चंसौरिया ने बताया कि सुबह जब आर्मी की क्यूआरटी ने ग्राउंड के रास्तों को बंद करने के लिए गड्ढे खोदना शुरू किया, तो यह सब अचानक हुआ। किसी प्रकार की नोटिस या पूर्व सूचना नहीं दी गई थी। उन्होंने कहा, "सैन्य जवानों से जब इसका कारण पूछा गया तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। आर्मी को कम से कम पुलिस को जानकारी देनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा भी नहीं किया गया।"
स्थानीय नेतृत्व ने किया विरोध
पूर्व बोर्ड मेंबर सुंदर अग्रवाल ने बताया कि आर्मी की योजना पूरे ग्राउंड को बाउंड्री वॉल से कवर करने की है। "यह कार्यवाही आसपास के बगीचों में रहने वाले नागरिकों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी कर सकती है, क्योंकि उनका आवागमन पूरी तरह बाधित हो जाएगा।" उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर जल्द ही आर्मी के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की जाएगी।
स्थानीय लोगों की मांग
रहवासियों ने मांग की है कि इस कार्यवाही को रोकने से पहले नागरिकों के हितों को ध्यान में रखा जाए। उनका कहना है कि किसी भी बड़े निर्माण कार्य से पहले स्थानीय प्रशासन और नागरिकों को विश्वास में लेना जरूरी है।