रीवा। जिले के प्रतिष्ठित संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में दिल दहला देने वाली घटना ने मानवता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अस्पताल परिसर में, सिटी स्कैन सेंटर के पीछे, एक जीवित नवजात बच्ची को कुत्तों द्वारा नोचकर खाने की घटना ने न केवल अस्पताल प्रशासन बल्कि पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि अस्पताल के कर्मचारी यह अमानवीय दृश्य देखते रहे, लेकिन किसी ने बच्ची को बचाने की कोशिश नहीं की।
सुबह 10:30 बजे का दर्दनाक मंजर
घटना बुधवार सुबह करीब 10:30 बजे की है। नवजात बच्ची को अस्पताल परिसर में मौजूद आवारा कुत्ते नोच रहे थे। उसी दौरान कुछ पत्रकारों की नजर इस भयावह दृश्य पर पड़ी। उन्होंने तत्काल अस्पताल प्रबंधन को सूचित किया। इसके बाद आनन-फानन में कुछ कर्मचारी मौके पर पहुंचे और बच्ची के शव को पॉलिथीन में भरकर ले गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब बच्ची को कुत्ते खा रहे थे, वह जीवित थी। लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने इस तथ्य की न तो पुष्टि की और न ही इसे नकारा।
रात में छोड़ी गई बच्ची?
ऐसा माना जा रहा है कि नवजात बच्ची का जन्म अस्पताल में रात के समय हुआ था और उसे या तो किसी ने जानबूझकर वहां छोड़ दिया, या फिर लापरवाही के कारण वह वहां पहुंची। मीडिया कर्मियों का दावा है कि जब उन्होंने बच्ची को देखा, तो वह हिल-डुल रही थी।
अस्पताल प्रबंधन के रवैये पर सवाल
इस घटना के बाद अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। प्रबंधन ने स्थिति को संभालने के लिए तत्काल जांच के आदेश दिए। सुरक्षा अधिकारी और अन्य कर्मचारी सीसीटीवी फुटेज खंगालने में लग गए, लेकिन मीडिया कर्मियों को फुटेज दिखाने से इनकार कर दिया गया।
प्रशासन का यह कदम कई सवाल खड़े करता है:
- क्या नवजात बच्ची को किसी ने जानबूझकर परिसर में छोड़ा?
- अस्पताल के कर्मचारी घटना को देखकर चुप क्यों रहे?
- सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक क्यों नहीं किए जा रहे?
मानवता की हार और प्रशासन की उदासीनता
यह घटना न केवल अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि समाज की सामूहिक जिम्मेदारी पर भी सवाल खड़े करती है। अस्पताल, जो कि जीवन बचाने का केंद्र है, वहां ऐसी घटना होना बेहद शर्मनाक है।
प्रशासन से जवाबदेही की मांग
घटना के बाद स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में रोष है। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
- दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाए।
- नवजात बच्ची की स्थिति को लेकर स्पष्ट जानकारी दी जाए।
- अस्पताल परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए।