निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम: 38 करोड़ की अवैध फीस लौटाने का आदेश



मध्यप्रदेश के जबलपुर में अवैध रूप से फीस बढ़ाने वाले निजी स्कूलों पर जिला प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। कलेक्टर दीपक सक्सेना की अध्यक्षता में गठित जिला समिति ने चार निजी स्कूलों द्वारा अवैध तरीके से बढ़ाई गई फीस को अमान्य करार देते हुए फीस लौटाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, इन स्कूलों पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

ये है मामला

जांच के दौरान पाया गया कि सेंट जोसेफ कॉन्वेंट गर्ल्स सीनियर सेकंडरी स्कूल (कैंट), गेब्रियल हायर सेकंडरी स्कूल (रांझी), डीपीएस (मंडला रोड), और रॉयल सीनियर सेकंडरी स्कूल (संजीवनी नगर) ने 2018-19 से 2024-25 तक की अवधि में 63,009 छात्रों से अवैध रूप से फीस वसूली की। इन स्कूलों ने कुल 38 करोड़ 9 लाख रुपये से अधिक की राशि अभिभावकों से गलत तरीके से वसूली थी।

कलेक्टर ने दिए सख्त निर्देश

कलेक्टर ने इन स्कूलों को आदेश दिया है कि वसूली गई राशि अभिभावकों को जल्द से जल्द वापस लौटाई जाए। इसके अलावा, जुर्माने की रकम 30 दिन के भीतर आयुक्त लोक शिक्षण के एचडीएफसी बैंक खाते में जमा करनी होगी। स्कूल प्रबंधन को निर्देश दिए गए हैं कि जुर्माने की रसीद जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत की जाए।

265 करोड़ की वसूली पर जिला समिति की बड़ी कार्रवाई

जबलपुर जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी ने बताया कि अब तक जिला समिति ने 32 स्कूलों की जांच कर अवैध वसूली के 265 करोड़ रुपये से अधिक की फीस वापस लौटाने के आदेश दिए हैं। यह कदम अभिभावकों को राहत प्रदान करने और निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

अभिभावकों में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत

यह मामला एक महत्वपूर्ण उदाहरण है कि कैसे जिला प्रशासन निजी स्कूलों की अवैध वसूली पर रोक लगा रहा है। साथ ही, यह घटना अभिभावकों के लिए भी एक सबक है कि वे अपने बच्चों की फीस संरचना को लेकर सतर्क और जागरूक रहें।

यह कार्रवाई यह सुनिश्चित करती है कि शिक्षा का व्यवसायीकरण न हो और छात्रों एवं उनके अभिभावकों को न्याय मिल सके।

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