जबलपुर, मध्यप्रदेश – शिक्षा के नाम पर मनमानी फीस वसूली करने वाले निजी स्कूलों पर प्रशासन की कड़ी कार्रवाई जारी है। जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने हाल ही में तीन प्रमुख स्कूलों पर शिकंजा कसते हुए 33.78 करोड़ रुपये अभिभावकों को वापस करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही तीनों स्कूलों पर 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
तीन स्कूलों पर लगे गंभीर आरोप
जांच के दौरान यह पाया गया कि शहर के तीन बड़े स्कूलों ने 47,904 छात्रों से अवैध रूप से भारी-भरकम फीस वसूली थी:
- सिनियर सेकेंडरी स्कूल, विजयनगर: 10,865 छात्रों से ₹5.85 करोड़ की वसूली।
- स्मॉल वंडर सीनियर सेकेंडरी स्कूल: 18,541 छात्रों से ₹12 करोड़।
- सेंट जोसेफ कॉन्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल: 18,498 छात्रों से ₹15.91 करोड़।
जिला प्रशासन द्वारा गठित समिति ने जांच के बाद इन अनियमितताओं की पुष्टि की।
फीस अधिनियम के उल्लंघन पर कार्रवाई
यह कार्रवाई मध्यप्रदेश निजी विद्यालय फीस और संबंधित विषयों का विनिमय अधिनियम 2017 के तहत की गई है। जांच में पाया गया कि:
- स्कूलों ने अधिनियम लागू होने के बाद 90 दिन के भीतर फीस और लेखा-जोखा प्रस्तुत नहीं किया।
- ऑनलाइन पोर्टल पर वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट भी जमा नहीं की गई।
- 10% से अधिक फीस वृद्धि की जानकारी छुपाई गई।
जांच टीम ने पाया कि शैक्षणिक वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक फीस में अनियमित बढ़ोतरी की गई थी।
पहले भी हुई थी बड़ी कार्रवाई
यह पहली बार नहीं है जब जबलपुर प्रशासन ने फीस वसूली के मामलों में सख्ती दिखाई है। मई 2024 में कलेक्टर ने 81.30 करोड़ रुपये की फीस वापस कराई थी और 22 लाख रुपये की पेनाल्टी लगाई थी। इस दौरान स्कूल प्रबंधन के 51 अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज की गई थी, जिनमें से 20 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया।
कलेक्टर की कड़ी चेतावनी
कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने स्पष्ट किया कि भविष्य में भी यदि किसी स्कूल द्वारा फीस वसूली में अनियमितता पाई जाती है, तो प्रशासन और सख्त कदम उठाएगा। शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता है।
अभिभावकों को राहत
यह कार्रवाई उन अभिभावकों के लिए राहत लेकर आई है जो लंबे समय से स्कूलों की मनमानी फीस से परेशान थे। अब तीनों स्कूलों को न केवल अतिरिक्त वसूली गई फीस लौटानी होगी, बल्कि अपनी कार्यप्रणाली में भी सुधार करना होगा।