मुंबई, 8 जनवरी: देश में मानव मेटा न्यूमोवायरस (HMPV) के मामलों में वृद्धि जारी है। ताज़ा मामला मुंबई के हीरानंदानी अस्पताल में दर्ज किया गया, जहां 6 महीने की बच्ची HMPV संक्रमण की पुष्टि के बाद भर्ती की गई। यह मुंबई में इस वायरस का पहला मामला है। बच्ची को खांसी, सीने में जकड़न और ऑक्सीजन लेवल गिरने की वजह से 1 जनवरी को अस्पताल लाया गया था। डॉक्टरों ने तुरंत उपचार शुरू किया, और फिलहाल उसकी स्थिति स्थिर है। इस घटना के बाद, देशभर में HMPV के कुल मामलों की संख्या 9 हो गई है।
महाराष्ट्र में सबसे अधिक मामले
देशभर में रिपोर्ट किए गए HMPV मामलों में महाराष्ट्र सबसे आगे है, जहां अब तक मुंबई और नागपुर से कुल तीन मामले सामने आए हैं। नागपुर में 13 साल की एक लड़की और 7 साल के एक लड़के के इस वायरस से संक्रमित होने की खबर पहले ही आ चुकी है। दोनों का इलाज घर पर ही किया गया। अन्य राज्यों में कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और गुजरात से भी HMPV संक्रमण के मामले सामने आए हैं। पंजाब ने बुजुर्गों और बच्चों के लिए मास्क पहनने की सिफारिश की है, जबकि गुजरात ने संभावित मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड तैयार किए हैं।
सरकार की तैयारियां
HMPV के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
सभी राज्यों को निगरानी बढ़ाने और संक्रमण रोकने के उपाय तेज करने को कहा गया है।
अस्पतालों को इन्फ्लूएंजा की दवाओं का पर्याप्त स्टॉक रखने का निर्देश दिया गया है।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (IDSP) जैसी एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है।
HMPV टेस्टिंग लैब की संख्या बढ़ाई जा रही है, ताकि जल्द से जल्द संक्रमण की पुष्टि हो सके।
HMPV के लक्षण और संवेदनशील समूह
HMPV संक्रमण मुख्य रूप से छोटे बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित कर रहा है। 2 साल से कम उम्र के बच्चों में यह वायरस अधिक खतरनाक साबित हो रहा है। इसके लक्षण कोविड-19 से मिलते-जुलते हैं और इनमें खांसी, बुखार, और सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं। डॉक्टरों का कहना है कि कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग और बुजुर्ग भी इस संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने स्थिति पर नजर रखने और जल्द ही इस संक्रमण पर विस्तृत रिपोर्ट जारी करने का आश्वासन दिया है।
HMPV और कोरोना में अंतर
HMPV और कोरोना वायरस में कई समानताएं हैं, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, ये अलग-अलग वायरस हैं। HMPV मुख्य रूप से बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करता है, जबकि कोरोना वायरस सभी आयु वर्ग के लोगों पर प्रभाव डालता था। HMPV की गंभीरता अपेक्षाकृत कम है और यह बिना जटिलताओं के ठीक हो जाता है। हालांकि, अभी तक इस वायरस के लिए कोई वैक्सीन या विशेष उपचार उपलब्ध नहीं है।