तहसीलदार पर यौन शोषण का आरोप: महिला बोली- पत्नी बनाकर 17 साल बनाए संबंध; तहसीलदार ने आरोपों को बताया झूठा



ग्वालियर, मध्यप्रदेश: ग्वालियर के भितरवार तहसील में पदस्थ तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान पर गंभीर यौन शोषण का आरोप लगा है। पीड़ित महिला ने तहसीलदार पर 17 साल तक शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने और एक अन्य युवक से दुष्कर्म कराने का भी आरोप लगाया है। मामला 8 जनवरी को सामने आया, जब महिला ने कलेक्टर, एसपी, और महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई।

महिला का बयान: सिंदूर भरकर बनाया था पत्नी

पीड़िता ने आरोप लगाया कि तहसीलदार चौहान ने रतनगढ़ वाली माता मंदिर में उसकी मांग में सिंदूर भरकर उसे पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। महिला ने बताया कि तहसीलदार ने 2006 से अब तक लगातार शारीरिक और मानसिक शोषण किया।

महिला ने यह भी दावा किया कि चौहान ने एक अन्य युवक को घर बुलाकर उससे जबरदस्ती कराई। पीड़िता का कहना है कि चौहान से उसका 11 वर्षीय बेटा भी है, जो उनके कथित रिश्ते का प्रमाण है।

2018 से शिकायतें, अब हुई कार्रवाई

पीड़िता का आरोप है कि यह मामला 2018 से चल रहा है, लेकिन अब तक उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई थी। महिला ने कहा कि उसने इस संबंध में कई बार अधिकारियों को शिकायत की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

तहसीलदार का तबादला, लेकिन अलग कारण बताया गया

शुक्रवार को तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान को उनके पद से हटाकर ग्वालियर भू-राजस्व कार्यालय में अटैच कर दिया गया। हालांकि, कलेक्टर का कहना है कि यह तबादला ट्रेनिंग उद्देश्य से किया गया है।

तहसीलदार का पलटवार: ब्लैकमेल का आरोप

तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए इसे एक साजिश बताया है। उनका कहना है कि महिला उन्हें हनीट्रैप कर ब्लैकमेल कर रही है। चौहान ने दावा किया कि महिला ने उनसे पैसों की मांग की थी, जिसकी शिकायत वह पहले ही पुलिस में कर चुके हैं।

प्रशासन की भूमिका और सवाल

इस मामले ने प्रशासन की कार्यशैली और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। तहसीलदार पर लगे आरोपों के बाद जिस तरह से तबादले को ट्रेनिंग का नाम दिया गया, वह प्रशासन की मंशा पर संदेह पैदा करता है। क्या यह मामला दबाने की कोशिश है, या फिर जांच को सही दिशा में ले जाने की? यह सवाल अभी भी अनुत्तरित है।

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