मनरेगा में मिलावट, फाइलों में हो गये 46 लाख 62 हजार रुपये के काम और मजदूरों के खातों से पहुंच गयी मजदूरी

 


मनरेगा कार्यों में मजदूर "दो जगहों पर लगातार कार्य कर रहे रहे है। एक तरफ मजदूर ग्राम पंचायतों में बन रहे तालाब निर्माण के कार्य में काम करते है और दूसरी तरफ वही मजदूर जॉब करने के लिये रेगूलर जबलपुर जाते हैं,वही पढाई करन कॉलेज जाते हैं, बैंक में काम करते है , स्कूल में शिक्षक है, पेंशन धारी व्यक्ति है वकील साहब है, कुछ मजदूर तो गांव के मालगुजार है। जिनके फ जा रहा है। यह कार्य

अमृत सरोवर निर्माण चनोवारे टोला का है जिसका वर्क कोड 1733004061/WC/220120350623 है जोकि 22 लाख 51 हजार की स्वीकृति से बना है परंतु अगर उच्च अधिकारी एक बार ‌केवल तालाब देखने के चले जायें, तो उनके होश उड़ जायेंगे । तालाब जंगल के अंदर बना हुआ है जिसके दोनो तरफ पानी के स्त्रोत है। एक तरफ नदी बनी हुई है, और दूसरी तरफ नहर (कैनाल) है। तालाव की फोटो में साफ-साफ दिखाई दे रहा है कि कितना काम हुआ है और कितनी पैसा खर्च हुआ होगा


वहीं दूसरी तरफ अमृत सरोवर नवीन तालाब निर्माण सुनवारा  में 24 लाख 31 हजार रुपये की लागत से तालाव बन रहा है


दोनो तालावो को मिलाकर कुल 46.62 का काम हुआ है। जिसमे तालाबों की यथास्थिति देखकर आप अचिंभित रह जायेगे। आखिर ये पैसा गया कहाँ। सरकारी अधिकारी के पास या फिर सरपंच / सचित की जेब में।. आखिर क्यों प्रधानमंत्री जी द्वारा चलाये गयी मनरेगा पैमेंट का दुरुपयोग किया जा रहा है। मामला की गंभीरता से जांच की जाये ताकि पंचायतो में हो रहे काले कारनामे सामने आ जाये।

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