मध्य प्रदेश के कटनी जिले के स्लिमानाबाद थाना क्षेत्र के डुंगरिया गांव में रविवार को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई। यहां अरंडी के फल खाने से 7 से 11 साल की उम्र के 11 बच्चे बीमार हो गए। इनमें से तीन बच्चों की हालत गंभीर बनी हुई है। इस घटना से पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई। घबराए परिजनों ने बच्चों को तत्काल स्लिमानाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया, जहां उनका इलाज जारी है।
खेलते-खेलते खा लिए जहरीले फल
रविवार को स्कूल की छुट्टी थी। बच्चे खेलते-खेलते गांव के पास के एक बगीचे में पहुंच गए। वहां अरंडी का पेड़ देखकर बच्चों ने उसके फल तोड़कर खा लिए। अरंडी के बीजों में जहरीले तत्व पाए जाते हैं, जिनसे जहर फैलने का खतरा होता है। कुछ ही देर में बच्चों को उल्टी, दस्त, पेट दर्द, चक्कर और बेहोशी की शिकायतें शुरू हो गईं।
परिजनों ने घबराकर अस्पताल पहुंचाया
बच्चों की बिगड़ती हालत देखकर उनके परिजनों के हाथ-पैर फूल गए। तत्काल सभी बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। चिकित्सा अधिकारी डॉ. शिवम कुमार दुबे और उनकी टीम ने इलाज शुरू किया। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चों की हालत अरंडी के फल खाने की वजह से बिगड़ी है।
आदिवासी समुदाय के बच्चे
इस घटना के शिकार ज़्यादातर बच्चे आदिवासी समुदाय से हैं। उनकी उम्र 7 से 11 साल के बीच है। चिकित्सकों के मुताबिक, तीन बच्चों की हालत ज्यादा गंभीर है और उन्हें गहन निगरानी में रखा गया है। शेष बच्चों की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है, लेकिन डॉक्टरों ने सभी को 24 घंटे निगरानी में रखने का निर्णय लिया है।
ग्रामीणों में जागरूकता की कमी
इस घटना ने ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी को उजागर कर दिया है। अरंडी के फल और उनके खतरों के बारे में जानकारी न होने के कारण यह घटना हुई। चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि अरंडी के बीज में 'रिकिन' नामक जहरीला पदार्थ होता है, जो शरीर के लिए बेहद खतरनाक है। इसे खाने से गंभीर विषाक्त प्रभाव हो सकते हैं।
प्रशासन को सतर्कता बरतने की जरूरत
डुंगरिया गांव में इस घटना के बाद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया गया है। स्थानीय अधिकारियों से ग्रामीणों को जागरूक करने और जहरीले पौधों के बारे में जानकारी देने के प्रयास तेज करने की अपील की गई है।