भोपाल में मध्य प्रदेश विधानसभा शीतकालीन सत्र की कार्यवाही में हंगामा, खाद से लेकर शैक्षणिक अनियमितताओं तक चर्चा का विषय

 भोपाल में मध्य प्रदेश विधानसभा शीतकालीन सत्र की कार्यवाही में हंगामा, खाद से लेकर शैक्षणिक अनियमितताओं तक चर्चा का विषय

मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का पहला दिन सोमवार को कई मुद्दों पर हलचल से भरा रहा। प्रमुख मुद्दा खाद की कमी का रहा, जब नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार से किसानों को खाद उपलब्ध कराने की मांग उठाई। इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने विभाग की ओर से गलत जानकारी दी, जिसके बाद कांग्रेस ने मंत्री को घेरते हुए सवालों की बौछार शुरू कर दी। इसके साथ ही पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने शैक्षणिक संस्थानों की अनियमितताओं को लेकर सरकार पर सवाल उठाए।

खाद की कमी पर सरकार से तीखा सवाल

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सदन में खाद की कमी को लेकर राज्य सरकार से जवाब तलब किया। उन्होंने कहा, "किसानों को खाद नहीं मिल रहा है, और कांग्रेस लगातार इस मुद्दे को उठा रही है, लेकिन अब तक सरकार की ओर से इस पर कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है।" सिंघार ने इस बात पर जोर दिया कि खाद की उपलब्धता पर सरकार को तुरंत जवाब देना चाहिए, क्योंकि किसान लगातार परेशान हैं। खाद की कमी के कारण किसानों का संकट गहरा रहा है, और सरकार का कोई ठोस कदम न उठाना उनकी समस्याओं को और बढ़ा रहा है।


उच्च शिक्षा मंत्री के गलत जवाब पर हंगामा

सदन में कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने राघोगढ़ कॉलेज के बारे में सवाल पूछा, जिस पर उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने आरोन कॉलेज के संबंध में गलत जानकारी दे दी। मंत्री ने राघोगढ़ में पीजी कोर्स के बारे में जानकारी दी, जबकि वहां पीजी कोर्स नहीं चल रहे थे। इस पर जयवर्धन सिंह ने मंत्री से खेद व्यक्त करने की मांग की। मंत्री ने गलती स्वीकार करते हुए कहा कि यह दूसरे कॉलेज की जानकारी थी और भविष्य में ऐसी गलत जानकारी नहीं दी जाएगी। इस पर सदन में कुछ देर के लिए हंगामा हुआ और कार्रवाई की बात भी उठी।

शैक्षणिक अनियमितताओं पर ध्यान आकर्षण

पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सागर जिले के माल्थोन में अशासकीय शैक्षणिक संस्थान में अनियमितता का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने स्कूल शिक्षा विभाग के तहत जांच के नाम पर केवल औपचारिकता निभाई है, और इलाके के लोगों में इस मुद्दे को लेकर आक्रोश है। इस पर स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि क्षेत्र में कोई आक्रोश नहीं है और स्कूल की मान्यता को कोर्ट से स्थगित किया गया था।

भूपेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि कई निजी स्कूल शासकीय भूमि पर चल रहे हैं और इन स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि अव्यवस्थाओं को दूर करने के लिए एक नीति बनाई जाए। मंत्री ने कहा कि खेल के मैदान और अन्य सुविधाओं का पालन सख्ती से किया जा रहा है। हालांकि, भूपेंद्र सिंह ने इस पर जोर दिया कि सरकार को एक ठोस नीति लानी चाहिए ताकि ऐसे मामलों पर पूरी तरह से नियंत्रण पाया जा सके।

अतिक्रमण पर भूपेंद्र सिंह का बयान

भूपेंद्र सिंह ने सागर जिले में अशासकीय शैक्षणिक संस्थान पर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि यह स्कूल शासकीय भूमि पर चल रहा है और अतिक्रमण का मामला है। उन्होंने कहा, "मैं इसे एक घंटे में ठीक कर लूंगा, क्योंकि तहसीलदार ने अतिक्रमण हटाने का नोटिस जारी किया है।" उन्होंने इस मुद्दे को उठाते हुए प्रदेश में चल रहे कई अनियमित स्कूलों पर भी सवाल उठाए और कहा कि इन पर सरकार को जल्द कार्रवाई करनी चाहिए।

विजयवर्गीय ने बांग्लादेश विजय दिवस का जिक्र किया

शून्यकाल के दौरान, भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने बांग्लादेश विजय दिवस का जिक्र करते हुए भारतीय सेना के शौर्य को सम्मानित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सदन भारतीय सेना के प्रति अपना सम्मान और आदर प्रकट करे। इस पर स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर ने विजयवर्गीय के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए कहा, "सदन भारतीय सेना के शौर्य के प्रति सम्मान और आदर प्रकट करता है।"

सदन की कार्यवाही स्थगित

इस हंगामे और आरोप-प्रत्यारोप के बाद, सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। राजनीतिक दलों के बीच तीखी बहस के बीच खाद, शैक्षणिक अनियमितताओं और अतिक्रमण जैसे मुद्दों पर चर्चा जारी रहने की संभावना है।

नागरिकों की उम्मीद
इन मुद्दों पर हुई चर्चा से यह स्पष्ट होता है कि सरकार के सामने कई अहम सवाल हैं, और इन पर शीघ्र समाधान की आवश्यकता है। किसानों के खाद संकट से लेकर शैक्षणिक संस्थाओं की अनियमितताओं तक, इन सभी मुद्दों पर कार्रवाई और जवाबदेही की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

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