न्यूयॉर्क सिटी में पाकिस्तानी होटल आया विवादों में

 न्यूयॉर्क: पाकिस्तान सरकार के आलीशान होटल को लेकर विवाद बढ़ा, अमेरिकी करदाताओं के पैसे के इस्तेमाल पर उठे सवाल

न्यूयॉर्क। न्यूयॉर्क सिटी में पाकिस्तान सरकार द्वारा संचालित एक आलीशान होटल को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। खबरों के अनुसार, इस होटल से पाकिस्तान सरकार को सालाना 22 करोड़ डॉलर की कमाई हो रही है, जिससे अमेरिका में बहस छिड़ गई है। इस मामले पर रिपब्लिकन नेता और डोनाल्ड ट्रंप के करीबी माने जाने वाले विवेक रामास्वामी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।



रामास्वामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, "यह तो बड़ी अजीब बात है!" उन्होंने आरोप लगाया कि न्यूयॉर्क सिटी के करदाताओं के पैसे का उपयोग इस होटल के संचालन के लिए हो रहा है, जिसमें अवैध प्रवासियों को ठहराया जा रहा है। रामास्वामी ने कहा कि यह अमेरिकी नागरिकों के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि उनका कर का पैसा एक विदेशी सरकार के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

होटल का इतिहास और विवाद की जड़ें

यह विवाद तब शुरू हुआ, जब पता चला कि यह होटल, जो 19 मंजिला है और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट के नाम पर है, को न्यूयॉर्क प्रशासन ने प्रवासियों के ठहरने के लिए लीज पर लिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह सौदा पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा दिए गए 1.1 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज का हिस्सा था।

इस पैकेज का उद्देश्य पाकिस्तान को उसके कर्ज संकट से उबारना था। 2020 से बंद पड़े इस होटल को नए सिरे से तैयार किया गया और लीज पर दिया गया। लीज तीन साल के लिए है, जिसके बाद यह होटल पाकिस्तान सरकार को वापस कर दिया जाएगा।

रामास्वामी और ट्रंप के प्रशासन की आपत्ति

डोनाल्ड ट्रंप और उनके सहयोगी नेताओं ने अपने चुनाव अभियान के दौरान अवैध प्रवास को मुख्य मुद्दा बनाया था। रामास्वामी ने इसे करदाताओं की मेहनत की कमाई का दुरुपयोग बताते हुए कड़ी आलोचना की है। उनका कहना है कि अमेरिकी प्रशासन को ऐसे सौदों पर ध्यान देना चाहिए, जो देश के करदाताओं के हितों के खिलाफ हों।

हाल ही में रामास्वामी और एलन मस्क को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी का नेतृत्व सौंपा गया है। इस विभाग का उद्देश्य संघीय खर्चों में कटौती और अनावश्यक नियमों को खत्म करना है। रामास्वामी ने कहा कि इस विवाद ने उनके विभाग के काम को और अधिक जरूरी बना दिया है।

सियासी माहौल गरमाया

होटल से जुड़ा विवाद उस समय और गहराया, जब यह खुलासा हुआ कि पाकिस्तान सरकार ने इस सौदे से करोड़ों डॉलर कमाने का लक्ष्य रखा है। दूसरी ओर, अमेरिका में अवैध प्रवास रोकने की नीतियों को लेकर कड़ा रुख अपनाया जा रहा है।

इस मुद्दे पर ट्रंप समर्थकों ने भी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि अमेरिका की सीमाओं की सुरक्षा और करदाताओं के पैसे का उचित उपयोग प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।


यह विवाद न केवल अमेरिका के आंतरिक प्रशासनिक मुद्दों को उजागर करता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग और वित्तीय लेन-देन के तरीकों पर भी सवाल उठाता है। यह देखना होगा कि इस मामले में अमेरिकी प्रशासन और पाकिस्तान सरकार की ओर से क्या कदम उठाए जाते हैं।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने