मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के चोपना क्षेत्र के पूंजी गांव में जंगल से सटे इलाकों में दो बाघों की मौजूदगी ने ग्रामीणों में डर का माहौल पैदा कर दिया है। शनिवार रात को बाघों ने खेत में बंधी हुई पांच गायों पर हमला किया। इस हमले में तीन गायें घायल हो गईं, जबकि दो गायों को बाघों ने मार डाला और खा लिया। रविवार सुबह जब किसान दिलीप विश्वास ने खेत में जाकर देखा, तो उन्होंने मृत गायों को पाया। इस घटना के बाद गांव और आस-पास के इलाकों के लोग अत्यधिक भयभीत हैं, और स्थानीय प्रशासन से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
इस घटना के बाद दिलीप विश्वास ने वन विभाग को जानकारी दी, जिसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और घटनास्थल के पास बाघों के पैरों के निशान पाए गए। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि बाघों ने ही इन गायों का शिकार किया। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पांच गायों में से दो को बाघों ने खा लिया, और घटनास्थल पर आसपास के ग्रामीण दिलीप के खेत पर इकट्ठा हो गए। वन विभाग ने उन्हें जंगल के पास सतर्क रहने और सावधानी बरतने की सलाह दी, ताकि आगे ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
बैतूल उत्तर वन मंडल के डीएफओ, नवीन गर्ग ने बताया कि सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से आए दो बाघ लगातार इस क्षेत्र में घूम रहे हैं। घटनास्थल और आसपास के इलाकों में निगरानी के लिए कैमरे लगाए गए हैं और वन विभाग की टीमें बाघों की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। साथ ही, पशु मालिकों को हुए नुकसान का मुआवजा देने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
ग्रामीण दिलीप विश्वास ने बताया कि शनिवार रात को उन्होंने गायों को झोपड़ी में बांध रखा था, लेकिन सुबह तीन गाय मृत पाई गईं, जबकि दो गायों को बाघों ने खा लिया था। यह क्षेत्र सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से लगा हुआ है, जिससे यहां अक्सर बाघों का मूवमेंट होता है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए वन विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
दो खूंखार बाघों की मौजूदगी के बाद वन विभाग ने ग्रामीणों को सलाह दी है कि वे रात के समय जंगल के पास सतर्क रहें और मवेशियों को सुरक्षित रखें। वन विभाग की टीमें बाघों की निगरानी के लिए क्षेत्र में सक्रिय हैं।
![]() |