लाइनमैन की लापरवाही से गई सिक्योरिटी गार्ड की जान, परिजनों का हंगामा, दर्ज हुई FIR

 


शिवपुरी। जिले में शुक्रवार को एक हृदयविदारक घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। नरवर-करैरा चौराहे पर 24 वर्षीय सिक्योरिटी गार्ड भूपेंद्र बघेल की बिजली के खंभे पर काम करते समय करंट लगने से दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना ने बिजली विभाग की कार्यशैली और लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

भूपेंद्र बघेल, जो आउटसोर्स के जरिए सिक्योरिटी गार्ड का काम करता था, सीहोर थाने के ग्राम कारोवाह का निवासी था। हादसा उस समय हुआ जब मगरौनी फॉरेस्ट चौकी के पास बिजली लाइन का मेंटेनेंस कार्य चल रहा था।

लाइनमैन पर गंभीर आरोप
परिजनों और स्थानीय लोगों का आरोप है कि बिजली कंपनी के एई श्रीवास्तव, जेई राहुल ओहरी और लाइनमैन नरेश कुशवाह ने भूपेंद्र को खंभे पर चढ़ने के लिए मजबूर किया। भूपेंद्र को बिजली उपकरणों के संचालन का कोई अनुभव नहीं था, लेकिन अधिकारियों की कथित दबावपूर्ण कार्रवाई के कारण उसे खंभे पर चढ़ना पड़ा।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जैसे ही भूपेंद्र खंभे पर चढ़ा, उसे करंट लग गया। गंभीर झुलसने के बाद उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

परिजनों का विरोध और चक्का जाम
घटना के बाद भूपेंद्र के परिजन और स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए। उन्होंने बिजली कंपनी के खिलाफ नारेबाजी की और नरवर-करैरा चौराहे पर चक्का जाम कर दिया। परिजनों ने बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए न्याय की मांग की।

मुआवजे और नौकरी की मांग
परिजनों ने पीड़ित परिवार को आर्थिक मुआवजा और किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। उनका कहना है कि भूपेंद्र का परिवार उसकी कमाई पर निर्भर था और इस हादसे के बाद उनका भविष्य अंधकारमय हो गया है।

पुलिस ने दर्ज की FIR
पुलिस ने मामले में लाइनमैन नरेश कुशवाह के खिलाफ लापरवाही से मौत का मामला दर्ज कर लिया है। साथ ही, एई श्रीवास्तव और जेई राहुल ओहरी के खिलाफ भी जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

बिजली विभाग की चुप्पी सवालों के घेरे में
इस घटना के बाद बिजली विभाग के अधिकारियों की चुप्पी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि विभाग की लापरवाही से आए दिन इस तरह की घटनाएं होती हैं, लेकिन किसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होती।

यह घटना न केवल भूपेंद्र के परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है, बल्कि यह बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन और सरकार पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए क्या कदम उठाते हैं।

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