कंकर मुंजारे की बढ़ी मुश्किलें: बालाघाट पुलिस ने मारपीट के मामले में किया गिरफ्तार

 


मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में राजनीति के गलियारों में हलचल मचाने वाला मामला सामने आया है। बालाघाट पुलिस ने पूर्व सांसद कंकर मुंजारे को रविवार को गिरफ्तार कर लिया। उन पर धान खरीदी केंद्र के कर्मचारियों से मारपीट और गाली-गलौज का आरोप है। लालबर्रा थाने में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

क्या है पूरा मामला?

मोहगांव स्थित धान खरीदी केंद्र के प्रशासक दिलीप लिल्हारे और अन्य कर्मचारियों ने 14 दिसंबर को शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया कि पूर्व सांसद कंकर मुंजारे और उनके समर्थकों ने गुणवत्ताविहीन धान खरीदने के लिए दबाव डाला। जब प्रशासकों ने मना किया, तो बात इतनी बढ़ गई कि मामला गाली-गलौज और मारपीट तक पहुंच गया।

प्रशासक दिलीप लिल्हारे ने पुलिस को बताया,

"कंकर मुंजारे शुक्रवार दोपहर अपने समर्थकों के साथ आए और केंद्र प्रभारी पर धान खरीदने का दबाव बनाने लगे। जब हमने सरकारी दिशा-निर्देशों का हवाला दिया, तो उन्होंने हमें धमकाया और उनके समर्थक मारपीट पर उतर आए।"

एफआईआर में कौन-कौन आरोपी?

पुलिस ने शिकायत के आधार पर कंकर मुंजारे सहित चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इनमें बड़ी कुम्हारी निवासी दीपेश रनगिरे और मोहगांव धपेरा निवासी प्रवीण नगपुरे का नाम भी शामिल है। इन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 296, 115(2), 351(2), और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

नेवरगांव खरीदी केंद्र की घटना

यह अकेला मामला नहीं है। नेवरगांव स्थित एक अन्य धान खरीदी केंद्र में भी हिंसा की खबर है। वहां शुक्रवार को ऑपरेटर जितेंद्र देशमुख के साथ मारपीट की गई। शिकायतकर्ता एमपी ठाकरे के अनुसार, लालबर्रा निवासी रियाज खान ने डंडे से हमला कर कार्यालय के लैपटॉप को तोड़ दिया।

कौन हैं कंकर मुंजारे?

कंकर मुंजारे बालाघाट की राजनीति का एक बड़ा चेहरा हैं। उन्होंने बसपा से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया और 2023 में कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा। उनकी पत्नी अनुभा मुंजारे वर्तमान में बालाघाट से विधायक हैं। अपनी बेबाकी और प्रभावशाली राजनीतिक शैली के लिए कंकर मुंजारे अक्सर सुर्खियों में रहते हैं।

विपक्ष का रुख

कंकर मुंजारे की गिरफ्तारी के बाद बालाघाट की राजनीति गरमा गई है। विपक्ष ने इसे सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए निंदा की है। वहीं, कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह मामला राजनीतिक षड्यंत्र है।

पुलिस का बयान

बालाघाट पुलिस ने स्पष्ट किया है कि जांच निष्पक्षता से की जाएगी। पुलिस अधीक्षक ने कहा,

"कानून से ऊपर कोई नहीं है। मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"


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