मध्य प्रदेश के खंडवा में सोमवार को हुई जनसुनवाई में एक भावुक और अनोखा मामला सामने आया, जिसने सभी का ध्यान खींच लिया। न्याय की आस में श्याम कहार नामक युवक ने अपने बीमार पिता रमेश कहार को जमीन पर लिटाकर अधिकारियों के सामने संविधान की प्रति थमाई और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई। मामला सहेजला गांव का है, जहां श्याम की जमीन पर अवैध कब्जे का आरोप है।
श्याम का कहना है कि उसकी जमीन पर दबंगों द्वारा जबरन मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। इस प्रदर्शन को लेकर श्याम का कहना था, "मैं सालभर से न्याय की गुहार लगा रहा हूं। पिछली बार मैंने लोट लगाकर प्रदर्शन किया था, लेकिन आज भी मेरी सुनवाई नहीं हो रही।"
पिछले प्रदर्शन से लेकर अब तक प्रशासन की कार्रवाई
श्याम ने बताया कि 13 अगस्त को भी उसने लोट लगाकर प्रदर्शन किया था, जिसके बाद अधिकारियों ने 7 से 10 दिनों में जमीन का सीमांकन करने का आश्वासन दिया था। उस समय तहसीलदार ने निर्माण कार्य पर रोक (स्टे) जरूर लगा दी थी। लेकिन यह आदेश केवल 15 दिनों तक लागू रहा, जिसके बाद वहां फिर से मंदिर निर्माण शुरू हो गया।
जनसुनवाई में हाथ में संविधान लेकर की अपील
श्याम कहार का यह प्रदर्शन सिर्फ उसकी बेबसी ही नहीं बल्कि व्यवस्था पर सवालिया निशान भी खड़ा करता है। हाथ में संविधान लेकर उसने अधिकारियों को दिखाया कि देश का कानून सभी के लिए समान है, लेकिन उसे न्याय क्यों नहीं मिल पा रहा?
श्याम ने कहा, "जब तक मेरी जमीन पर न्याय नहीं मिलेगा, तब तक मैं संघर्ष करता रहूंगा। मेरे बीमार पिता भी इस अन्याय के गवाह बनते जा रहे हैं। प्रशासन को समझना चाहिए कि हम कमजोर हैं, लेकिन बेइंसाफ नहीं सहेंगे।"
प्रशासन का पक्ष
वहीं, जिला प्रशासन का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
तहसीलदार ने भी दोहराया कि उन्होंने पिछली बार निर्माण पर रोक लगाई थी, लेकिन मामले में कुछ विवाद हैं, जिनका निपटारा जल्द किया जाएगा।