मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले के आदिवासी क्षेत्र में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। ग्राम बहादुर के यादव परिवार के दो माह के मासूम की आंगनबाड़ी केंद्र में टीकाकरण के बाद मौत हो गई। इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों बल्कि स्वास्थ्य विभाग को भी सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है।
घटना का विवरण
मामला मेहदवानी थाना क्षेत्र का है। यादव परिवार के अनुसार, वे अपने दो माह के बच्चे को नियमित टीकाकरण के लिए आंगनबाड़ी केंद्र ले गए थे। वहां स्वास्थ्य कर्मियों ने बच्चे को तीन इंजेक्शन लगाए। घर लौटने के कुछ ही समय बाद बच्चे की तबियत बिगड़ने लगी। परिजनों ने स्थिति को सामान्य मानते हुए घरेलू उपाय किए, लेकिन देर रात बच्चे की हालत और गंभीर हो गई और उसकी मौत हो गई।
मां का दर्द
अपने बेटे की मौत के बाद मां का रो-रो कर बुरा हाल है। अपने मृत बेटे के शव को गोद में लिए महिला ने मेहदवानी थाने पहुंचकर स्वास्थ्य कर्मियों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना है कि टीकाकरण के तुरंत बाद बच्चे की तबियत बिगड़ने के बावजूद उन्हें कोई पूर्व जानकारी या सतर्कता नहीं दी गई थी।
स्वास्थ्य विभाग पर सवाल
परिजनों ने मेहदवानी पुलिस थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में कहा गया है कि टीका लगाने के कुछ समय बाद बच्चे की हालत बिगड़ने लगी और अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि स्वास्थ्य कर्मियों ने लापरवाही बरती और टीकाकरण के दौरान आवश्यक सावधानियां नहीं बरती गईं।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की गंभीरता को देखते हुए मेहदवानी थाना प्रभारी श्याम सुंदर उसराठे ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के वास्तविक कारणों का खुलासा होगा। थाना प्रभारी ने बताया कि परिजनों के आरोपों और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना के बाद स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गए हैं। जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा है कि मामले की गहन जांच की जाएगी और यदि कोई लापरवाही पाई जाती है तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों में आक्रोश
घटना के बाद ग्राम बहादुर और आसपास के इलाकों में आक्रोश फैल गया है। ग्रामीणों का कहना है कि आंगनबाड़ी केंद्रों और स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी मांग की है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।