खराब गुड़ खाने से 7 लोगों की हालत गंभीर, फैक्ट्री पर लगा ताला

 



आगर मालवा। जिले के सुसनेर क्षेत्र में एक ही परिवार के 7 सदस्यों की हालत खराब हो गई, जब उन्होंने घर में गुड़ से बना खाद्य पदार्थ खाया। पेट दर्द और उल्टी की शिकायत पर उन्हें तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। जांच में पता चला कि यह मामला फूड पॉइजनिंग का है, जो खराब गुड़ के सेवन के कारण हुआ। इस घटना के बाद प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित फैक्ट्री और गोडाउन पर छापा मारा।

फैक्ट्री पर छापा और जांच

खाद्य एवं औषधि प्रशासन के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी केएल कुंभकार ने सुसनेर स्थित तिरुपति ट्रेडर्स के गोडाउन की जांच की। यहां पाया गया कि अस्वच्छ परिस्थितियों में गुड़ का उत्पादन और संग्रह किया जा रहा था। खासकर, टूटे हुए गुड़ को दोबारा भट्टी में गरम करके नया गुड़ बनाया जा रहा था।

30 क्विंटल गुड़ किया गया नष्ट

जांच के दौरान लगभग 30 क्विंटल गुड़ अस्वच्छ और अनसेफ पाया गया, जिसे तुरंत नष्ट कर दिया गया। इसका बाजार मूल्य लगभग 90,000 रुपये आंका गया है। प्रशासन ने गोडाउन को सील करते हुए वहां छेड़छाड़ न करने के सख्त निर्देश दिए।

घटना का विवरण

यह मामला 26 दिसंबर 2024 को सामने आया जब नारायणसिंह सोंधिया, निवासी मैना के परिवार के सदस्यों ने गुड़ से बना रेलामा (गुड़, घी और गेहूं के आटे से बना व्यंजन) खाया। इसके बाद सभी सदस्यों को पेट दर्द और उल्टी की शिकायत हुई। उन्हें तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुसनेर ले जाया गया, जहां उनका प्राथमिक उपचार किया गया।

सैंपल भेजा गया लैब में

परिवार द्वारा खरीदे गए गुड़ के नमूने और तिरुपति ट्रेडर्स से लिए गए गुड़ के नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

प्रशासन का सख्त रुख

प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि खाद्य सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। गोडाउन को सील कर दिया गया है और फैक्ट्री संचालक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।





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