जबलपुर। साइबर अपराधियों ने ठगी का ऐसा तरीका अपनाया है जो किसी को भी चौंका सकता है। जबलपुर के गोरा बाजार थाना क्षेत्र में रहने वाले परमजीत सिंह इस नई तरह की डिजिटल ठगी का शिकार हो गए। साइबर अपराधियों ने पुलिस की वर्दी का इस्तेमाल कर 16 लाख रुपये ठग लिए। यह घटना तब सामने आई जब परमजीत सिंह ने रांझी थाने पहुंचकर अपनी आपबीती सुनाई।
व्हाट्सएप कॉल पर हुआ जाल बिछाने का खेल
परमजीत सिंह, जो कि व्हीकल फैक्ट्री में नौकरी करते हैं, को एक व्हाट्सएप वीडियो कॉल आया। इस कॉल में सामने वर्दी पहने एक व्यक्ति पुलिस अधिकारी के रूप में नजर आया। कॉल पर उस व्यक्ति ने परमजीत सिंह पर गंभीर आरोप लगाया कि उन्होंने एक लड़की के साथ गलत काम किया है और वह लड़की आत्महत्या कर चुकी है। इतना ही नहीं, उस व्यक्ति ने कहा कि सुसाइड नोट में परमजीत का नाम लिखा है।
कोर्ट-कचहरी का डर दिखाकर की ठगी
अपराधी ने परमजीत को धमकाया कि अगर वह पुलिस और कोर्ट-कचहरी की झंझट से बचना चाहते हैं तो तुरंत 16 लाख रुपये देकर मामला रफा-दफा करें। बार-बार आने वाले कॉल और धमकियों से घबराए परमजीत ने जल्दबाजी में 16 लाख रुपये ठगों के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए।
ठगी का एहसास होने पर पहुंचा पुलिस के पास
रकम ट्रांसफर करने के बाद परमजीत को ठगी का एहसास हुआ। इसके बाद उन्होंने रांझी थाने में जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराई। मामले की जानकारी देते हुए एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा ने बताया कि शिकायत के आधार पर पुलिस ने साइबर ठगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और घटना की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस की अपील: सतर्क रहें, जागरूक रहें
इस घटना के बाद पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी अनजान कॉल पर विश्वास न करें, खासतौर पर जहां पैसे की मांग की जा रही हो। साइबर ठग अब नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। सतर्कता और जागरूकता ही ऐसी ठगी से बचने का सबसे बड़ा उपाय है।
पुलिस की प्राथमिक जांच में यह पता चला है कि इस गिरोह ने हाईटेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है। अब साइबर सेल इस मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। वहीं, पीड़ित परिवार अब ठगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की उम्मीद कर रहा है।