घटनास्थल पर मातम और सवाल
जबलपुर के तिलवारा थाना क्षेत्र में एक हृदय विदारक घटना ने सबका ध्यान खींचा है। सगड़ा स्थित एचपी पेट्रोल पंप के पीछे बने एक हॉस्टल में 21 वर्षीय आस्था यादव ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मूल रूप से सिवनी जिले के घंसौर की निवासी आस्था शॉन एलिजा होटल में हाउसकीपिंग का काम करती थीं और किराए के हॉस्टल में रह रही थीं।
अन्य युवतियों ने दी पुलिस को सूचना
घटना की जानकारी तब सामने आई जब हॉस्टल में रहने वाली अन्य युवतियों ने आस्था को फांसी पर लटका देखा। तत्काल उन्होंने तिलवारा थाना पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को नीचे उतारा और पंचनामा कार्रवाई पूरी करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल अस्पताल भेज दिया।
परिवार का शोक और अनिश्चितता
घटना की सूचना मिलते ही आस्था के परिजन जबलपुर पहुंचे। उनकी आंखों में बेटी के खोने का गम साफ झलक रहा था। परिजनों ने बताया कि आस्था आत्मनिर्भर और सकारात्मक सोच रखने वाली युवती थी। उनकी बेटी ने यह कदम क्यों उठाया, यह समझ पाना मुश्किल हो रहा है।
पुलिस ने शुरू की जांच
पुलिस ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए तुरंत जांच शुरू कर दी है। तिलवारा थाना प्रभारी के अनुसार, पुलिस घटनास्थल की बारीकी से जांच कर रही है और आसपास के लोगों के बयान दर्ज कर रही है। इसके अलावा, शॉन एलिजा होटल के कर्मचारियों और आस्था की सहकर्मियों से भी पूछताछ की जा रही है। पुलिस का कहना है कि अब तक ऐसा कोई सुराग नहीं मिला है जिससे आत्महत्या के कारणों का खुलासा हो सके।
क्या आत्महत्या का कारण मानसिक तनाव था?
हालांकि आस्था ने कोई सुसाइड नोट नहीं छोड़ा, लेकिन पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कहीं उसे काम के दबाव या किसी अन्य कारण से मानसिक तनाव तो नहीं था। हॉस्टल में रहने वाली अन्य युवतियों और होटल प्रबंधन से पूछताछ कर पुलिस आत्महत्या के पीछे के कारणों को समझने की कोशिश कर रही है।
समाज में जागरूकता की आवश्यकता
यह घटना एक बार फिर से उन सवालों को उठाती है जो युवाओं की मानसिक स्थिति और उनके आसपास के माहौल से जुड़े हुए हैं। क्या परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों को किसी के मानसिक स्वास्थ्य के संकेतों को समझने और समय पर मदद करने की आवश्यकता है?