बटौंधा पंचायत के रोजगार सहायक मुकेश झरिया पर शासकीय राशि के दुरुपयोग का आरोप लगभग 2 वर्ष बीते आने के बाद भी विभाग द्वारा आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई
दैनिक रेवांचल टाइम्स डिंडोरी... डिंडोरी जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र जनपद पंचायत डिण्डौरी अन्तर्गत ग्राम पंचायत बटौधा में पदस्थ रोजगार सहायक मुकेष झारीया के खिलाफ ग्रामीणो ने शासन की राशि का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया है। जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने कलेक्टर से की थी लेकिन कार्यवाई नही होने से ग्रामीणो में असंतोष व्याप्त है वही शिकायत के बाद कार्यवाई न होने से रोजगार सहायक के हौसले दिन व दिन बुलंद होते नजर आ रहे है और वह मनमानी पर उतारू है।
आलम यह है कि ग्राम पंचायत में पदस्थ रहे सचिव का स्थानान्तरण होने के बाद ग्राम पंचायत पाकर बर्षरा के सचिव को अतिरिक्त प्रभार सौपा गया है ऐसी दषा में रोजगार सहायक अधिकतर कार्यों का संचालन कर रहा है जिसका परिणाम ग्रामीणो को भुगतना पड़ रहा है। शासन की अनेको योजनाओ का लाभ ग्रामीणो को नहीं मिल पा रहा है जिसके कारण रोजगार सहायक की मनमानी चरम सीमा के पार हो चुकी है प्रशासन भी ऐसे रोजगार सहायको की हौसला अफजाई करते नजर आ रहा है इसके पूर्व भी रोजगार सहायको द्वारा ग्रामीणो को लूटने तथा शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं में पलीता लगाने कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं
ग्रामीणो ने इनके खिलाफ शिकायत भी दर्ज करायी है लेकिन आज तलक कोई कार्रवाई नहीं की गई है
ग्रामीणों का यह है आरोप
ग्रामीणों ने कलेक्टर से की गई शिकायत में उल्लेख किया है कि ग्राम पंचायत अन्तर्गत लोंदाझिर गांव में किहीलाल (मिहीलाल) पिता चुन्ने लाल का वर्ष 2018-19 में प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ था। प्रथम किष्त 25000/- रू. प्रदान किये गये थे लेकिन निर्माण कार्य नही कराया गया प्राप्त राषि से 15234/- का मजदूरी भुगतान के लिए फर्जी मास्टर रोल तैयार कर भुगतान दर्शा दिया गया है इसी तरह ग्राम बाटौधा में हितग्राही मोतीलाल बलद पुरिया सिंह का प्रधानमंत्री आवास वर्ष 2021-22 में पूर्ण बतलाकर 130000 रुपए का आहरण कर लिया गया जबकि आवाज अपूर्ण है इसी तरह ग्राम बंजारी में शुक्ला बलद मंधो जाति बैगा वर्ष 2017-18 में प्रधानमंत्री आवास निर्माण के लिए दो किस्त जारी हो चुकी है लेकिन निर्माण कर अधूरा पड़ा हुआ है ग्रामीणों का आरोप है कि प्रधानमंत्री आवास निर्माण कार्य में रोजगार सहायक द्वारा मास्टर रोल जारी करने के साथ संधारण का काम किया जाता है इस दौरान रोजगार सहायक ऐसे व्यक्तियों का नाम मास्टर रोल में दर्ज करता है दो अलग-अलग प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत कराए गए हैं और सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रोजगार सहायक द्वारा फर्जी जियो टैग कर विभाग को जानकारी दी जाती है आखिर उनके काले कारनामे पर कब अंकुश लगेगा
8 वर्षों तक फर्जी आईडी बनाकर लेता रहा फायदा.. ग्रामीणों ने रोजगार सहायक पर गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी कि रोजगार सहायक मुकेश झरिया अपने परिवार के सदस्यों की पृथक पृथक तीन समग्र आईडी बनवाकर शासन की योजना का धड़ल्ले से लाभ लेता रहा जानकारी लगने के बाद ग्रामीणों ने शिकायत दर्ज करने की मंशा जाहिर की जिसकी भनक लगते ही समग्र आईडी पोर्टल से तत्काल हटवा दिया गया जिनके द्वारा मजदूरी का काम नहीं किया गया तथा करीबी होते हैं वहीं जियो टैग पोर्टल में प्रधानमंत्री आवास निर्माण की स्थिति की फोटो भी रोजगार सहायक द्वारा सबमिट की जाती है और विभाग को गुमराह किया जाता है लेकिन उनके द्वारा आवासों की फर्जी फोटो सबमिट की जाती है इसके बाद हितग्राहियों को अगली किस्त जारी कर दी जाती है जबकि आवास निर्माण कर उसे लेवल में नहीं होता या निर्माण शुरू ही नहीं किया गया है रोजगार सहायक मुकेश झरिया की काली करतूत का खुलासा कब होगा कब प्रशासन नींद से जागेगा इससे बड़ा उदाहरण क्या मिलेगा कि कमल सिंह पीडब्ल्यूडी विभाग में नियमित लेबर है और उसका नाम मिहीलाल पिता चुन्नीलाल के प्रधानमंत्री आवास निर्माण में मजदूरी करना मास्टर रोल में दर्ज है भुगतान भी किया गया है इस बाबत ग्रामीणों का आरोप है कि एक व्यक्ति दो स्थान पर मजदूरी कैसे कर सकता है वही जिस व्यक्ति के नाम से प्रधानमंत्री आवास निर्माण में मजदूरी भुगतान किया गया है उसकी जमीन में प्रधानमंत्री आवास की नीव तक नहीं रखी गई है ग्रामीणों ने बतलाया कि समग्र आईडी क्रमांक 3599 2129 जारी की गई थी जिसमें परिवार के मुखिया का नाम सीताराम पिता देवीदीन सदस्य सुलोचना बाई घनश्याम रोजगार सहायक मुकेश झरिया रोशनी झरिया जयदीप एवं उक्त झरिया का नाम दर्ज था आईडी क्रमांक 280 16 943 मे मुखिया के तौर पर रोजगार सहायक मुकेश झरिया का नाम दर्ज था तथा परिवार के सदस्य में रोशनी झरिया का नाम था जिसका पंजीयन 21. 3. 2013 में किया गया था और जिसे पोर्टल से 22 .2. 2021 हटाया गया वही समग्र आईडी क्रमांक 280 80 525 मैं परिवार के मुखिया का नाम सीताराम और सदस्यों के रूप में रोजगार सहायक मुकेश झरिया का नाम दर्ज था तथा 22 2 2021 को पोर्टल से हटवा दिया गया रोजगार सहायक की कार्यप्रणाली से तंग होकर ग्रामीण ने जनपद सीईओ से लेकर जिला पंचायत सीईओ को तक एवं कलेक्टर तक शिकायत की गई इसकी बावजूद भी ग्रामीणों को लगभग 2 साल बीतने के चलते आज दिनांक तक न्याय नहीं मिला अगर उच्च स्तरीय जांच सही ढंग से की जाए तो सभी काले कारनामे खुलकर सामने आ जाएंगे आखिरकार कब तक रोजगार सहायक मुकेश झरिया द्वारा ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार चलता रहेगा यहां तो अपने आप में अहम सवाल हैं