जिले में चना बीज वितरण में धांधली की आशंका, किसान परेशान औऱ विभाग के जिम्मदारों की बल्ले बल्ले


जिले के अलग अलग विकास खंड मे वितरण की अलग-अलग नियमावली क्यों?

रेवांचल टाईम्स - मण्डला, आदिवासी जिले के किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग मंडला के जिम्मदारों ने किसानों के हक में खुला डाका डाल रहे हैं और इस विभाग में जितना फर्जीवाड़ा है शायद ही किसी विभाग में होगा जिले के गरीब भोलेभाले किसानों से अंगुठा लगवा कर और उन्हें मिलने वाली मात्रा से कम बीज उपलब्ध कराकर ग़ुमराह किया जा रहा हैं, वही सूत्रों की माने तो किसानों का बुरा हाल है और कागज़ के पेट भर के आंकड़े पूरे कर रहे है पर उसकी जमी हक़ीक़त ग्रामीण किसान ही बता पाएंगे कि आखिर सच्चाई क्या क्या उन्हें कृषि विभाग योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है या फिर उन्हें भटकना पड़ रहा ये जब सूक्ष्मता से जांच होगी तब सब निकलकर सामने आ जायेगा।

       जिले के विभिन्न विकास खंडों में चना बीज वितरण में अनियमितताओं की खबरें किसानों के बीच चर्चा का विषय बन गई हैं। किसानों का आरोप है कि कृषि विभाग के तहत चल रही चना बीज वितरण योजना में बड़े पैमाने पर धांधली हो रही है, जिसके कारण किसानों को सही मात्रा में बीज नहीं मिल रहा।


वही सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार और मण्डला विकास खंड के किसानों का कहना है कि उन्हें 16.75 रुपए में कीटनाशक किट के साथ 60 किलो चना बीज दिया जा रहा है, जबकि निवास विकास खंड में स्थिति अलग है। निवास के किसानों से 1800 रुपए जमा करने के बाद उन्हें 30 किलो चना, 8 किलो  मसूर बीज और कीटनाशक किट दी जा रही है। किसानों का कहना है कि यह वितरण नियमों में भेदभाव और असमानता दिखा रहा है।

        इसके अलावा, कुछ किसानों का आरोप है कि वितरण में दलालों का भी हाथ है जो बीजों को सरकारी कार्यालय से लेकर बाजार में बेच रहे हैं। इस मामले में किसानों ने जिला प्रशासन से अपील की है कि वे कृषि विभाग में हो रही धांधली की जांच करवाएं और शासन की मंशा के अनुरूप बीज वितरण सुनिश्चित करें।

          किसानों का कहना है कि एक ही जिले के विभिन्न विकास खंडों में चना बीज देने की नियमावली में अंतर क्यों है, और क्यों निवास में 125 रुपए अधिक लिया जा रहा है। किसानों का मानना है कि यदि यह समस्या शीघ्र हल नहीं होती, तो उनका भला नहीं हो पाएगा।


    जब इस संबंध में जानकारी लेने हेतु उप संचालक कृषि मधु अली को फोन लगा तो उन्होंने फ़ोन नही उठाया, जिससे  यह स्पष्ट नही हो पा रहा की विभाग द्वारा प्रदर्शन बीज वितरण मे असमानता क्यों की जा रही है।

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