SDM साहब का अजब- गजब सरकारी फरमान,पटवारी हाकेंगे गाय,



मध्य प्रदेश में एक जिले के SDM ने गजब सरकारी फरमान जारी किया है। छतरपुर जिले के बिजावर एसडीएम ने पटवारी को सड़कों पर बैठी आवारा पशुओं को गौशाला भेजने के लिए आदेश दिया है। इसके बाद से ही राज्य की राजनीति में हलचल मची हुई है। पटवारी इस आदेश का विरोध कर रहे हैं तो विपक्ष सरकार को निशाने पर ले रहा है।
आवारा पशुओं को रात में भेजें गौशाला

बिजावर एसडीएम ने अपने आदेश में लिखा सड़क पर आवारा पशुओं के जमाव के चलते मार्ग में दुर्घटना को कम करने के लिए पटवारी, सचिव, कोटवारों को शाम 6:00 से रात 10:00 आवारा पशुओं को गौशाला भेजने की ड्यूटी लगाई जाती है। इस पर पटवारियों ने एसडीएम के आदेश का विरोध शुरू कर दिया। पटवारियों ने कहा कि हमारे पास राजस्व संबंधी सीमांकन नामांकन जैसे महत्वपूर्ण काम होते हैं, ऐसे में गाय भागने की जिम्मेदारी हमें मंजूर नहीं है। वहीं, आगे गया कहा कि आदेश नहीं हुआ वापस तो पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन करेंगे।
विपक्ष ने सरकार को घेरा

इधर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस मामले पर सरकार को घेरा है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा," अब एक पटवारी हो चाहे शिक्षक हो रात को 6:00 बजे से 10:00 बजे तक रोड पर गाय बैल हांकने का काम दे रही है तो आप समझ सकते हो कि सरकार किस प्रकार से उन कर्मचारियों को हीन भावनाओं से देखते हैं। मैं समझता हूं कि वह (पटवारी व शिक्षक) एक महत्वपूर्ण इकाई है उन्हें सम्मान देना चाहिए।"

आगे कहा,"सरकार गाय की बात तो करती है, पर गाय के लिए खजाने में पैसा रखती है, लेकिन खजाने का पैसा किसके हाथ में जाता है यह नहीं पता? पटवारी से, शिक्षकों से, कर्मचारी से शाम को 6:00 बजे से रात की 10:00 बजे तक गाय-बैल हटवाना अगर आपने प्रावधान की व्यवस्था की है तो उन्हें नए बजट में प्रोविजन करें, आप इनको लगाकर इस काम पर लगाकर क्या बाकी गतिविधियां, जो सरकार की जमीन स्तर की गतिविधियां हैं, क्या बंद करना चाहती हैं।"
यह तो राष्ट्र सेवा है- मंत्री

इधर सरकार के राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने कहा, "मानवता के नाते अगर कर रहे काम तो गलत नहीं, अच्छी बात है बुरी बात नहीं है। मैं भी लोगों से कहता हूं कोई भी व्यक्ति हो आम आदमी हो गाय को गौशाला तक पहुंचा दे तो यह राष्ट्र की सेवा है। पटवारी के पास बहुत सारे काम होते हैं ये मैं समझता हूं। वैसे इसमें कोई बुराई नहीं है संविधान में ऐसा लिखा नहीं है फिर भी मानवता है मानवता के आधार पर कोई भी कह सकता है कलेक्टर भी कह सकते हैं गाय बैठी है सहयोग करें, मैं इस पर एसडीएम से बात करूंगा।

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