एक वकील द्वारा जज पर जूता फेंकने के मामले में हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने जमानत याचिका खारिज कर दी है।
इंदौर|आगर-मालवा में एक वकील द्वारा जज पर जूता फेंकने के मामले में हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने जमानत याचिका खारिज कर दी है। मामले में एफआइआर हुई थी और शुक्रवार को गिरफ्तारी पूर्व अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई।एक सप्ताह में आत्मसमर्पण का आदेश
जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोप है कि उसने आगर-मालवा में न्यायालय में मौजूदा न्यायाधीश पर जूता फेंका था, जो न्यायालय की गरिमा और अधिकार को अपमानित करने वाली गंभीर घटना है। इसे गंभीरता से देखा जाना चाहिए। इस तथ्य पर विचार करते हुए कि जब पुलिस ने उसे हाईकोर्ट के सामने पकड़ने की कोशिश की तो वह एक पुलिसकर्मी को कुचलकर कार से फरार हो गया। पुलिसकर्मी को भी चोटें आईं और उसके खिलाफ धारा 353, 294, 506 के तहत केस दर्ज किया गया। याचिकाकर्ता के खिलाफ अन्य मामले भी दर्ज हैं, इसलिए इस रिट याचिका में गिरफ्तारी के पूर्व जमानत की अंतरिम राहत अस्वीकार की जाती है। याचिकाकर्ता को एक सप्ताह के भीतर संबंधित पुलिस स्टेशन के समक्ष आत्मसमर्पण करने का भी आदेश दिया गया है।