झांसी: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के शराब माफियाओं की ऐसी कहानी सामने आई है, जिसमें वे फिल्मी अंदाज में अवैध शराब बंनाने और उसकी बिक्री का नेटवर्क चला रहे थे। ये माफिया समीपवर्ती राज्य से स्प्रिट मंगाकर नकली शराब बनाते थे। नकली रैपर, नकली बोतल, नकली ढक्कन की मदद से इस नकली शराब की पैकिंग कर शराब की सरकारी लायसेंसी दुकान से बेचने का काम करते थे। पुलिस ने इस नेटवर्क में शामिल चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में आबकारी विभाग के एक इंस्पेक्टर शिशुपाल सिंह को निलंबित किया गया है।
इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब प्रेम नगर थाना पुलिस ने मध्य प्रदेश बॉर्डर पर चेकिंग के दौरान डगरिया के पास एक कार की तलाशी में एक जरीकेन ओपी स्प्रिट बरामद किया। पुलिस ने ड्राइवर दिनेश राय को गिरफ्तार कर लिया। दिनेश से मिली जानकारी के आधार पर बड़ागांव थानाक्षेत्र स्थित उस स्थान पर दबिश दी, जहां मशीन रखकर नकली शराब बनाने का काम किया जाता था। यहां से बनी नकली शराब को मोठ थानाक्षेत्र में स्थित एक सरकारी ठेके पर सेल्समैन की मदद से बेचा जा रहा था। पुलिस ने दिनेश राय के अलावा अशोक कुमार राजपूत, विवेक कुशवाहा और राजेन्द्र राय को गिरफ्तार किया है। अभी तक नेटवर्क से जुड़े चार लोग अरेस्ट हुए हैं।
इनके पास से 12 पेटी बरामद हुई है, जिसमें हर पेटी में 45 क्वार्टर थे। इनके अलावा 192 क्वार्टर और बरामद हुए हैं। पुलिस ने 6 जरीकेन बरामद किए हैं, जिनमें हर जरीकेन में 50 लीटर शराब थी। स्प्रिट से भरा हुआ एक जरीकेन बरामद हुआ है। एक बोरे में रखा 300 खाली क्वार्टर बरामद किया है। क्वार्टर के 7000 ढक्कन, 4896 रैपर, 5184 क्यूआर कोड, ढक्कन सील करने वाली देशी मशीन, पन्नी से ढक्कन को सील करने वाले दो ड्रायर, ढक्कन को सील करने वाली पन्नी लगभग 500 ग्राम, 5 खाली बोतल चुस्की लेमन फ्लेवर, एक चुस्की लेमन फ्लेवर आधी भरी हुई और एक बोतल कलर बरामद हुई है।
एसएसपी राजेश एस ने बताया कि चार लोग गिरफ्तार हुए हैं लेकिन इस गैंग में और भी लोग शामिल हैं। लगभग दो महीने से यह काम चल रहा था। गैंग में अन्य जनपदों और राज्यों के भी लोग शामिल हैं। आबकारी विभाग से इस बात की जानकारी मंगाई गई है कि सेल में कितनी कमी आई है। स्प्रिट कहां से लाई जा रही थी, इसे पता लगा रहे हैं।