गाजीपुर पेट्रोल पम्प ने वाहन हड़ताल आंदोलन को बनाया कमाई का जरिया , जरुरतमंदों को डीजल-पेट्रोल नहीं है कहकर ऊंचे दामों में बेच रहा डीजल-पेट्रोल

 



 


रेवांचल टाईम्स - मण्डला, जिला मुख्यालय के नजदीक कटरा के पास जबलपुर सड़क मार्ग में गाजीपुर पेट्रोल पम्प में मरावी पेट्रोल पम्प द्वारा एक बार फिर अपने रिश्तेदारों की दमदारी और रिश्तेदारों के पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पदस्थ होने का लोगों को खौफ दिखाकर ड्रायवरों की हड़ताल को व्यापार और कमाई का जरिया बना लिया गया है,सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार गाजीपुर पेट्रोल पम्प में जरुरतमंदों,मरीजों तथा मजबूर लोगों को डीजल-पेट्रोल नहीं दिया जा रहा है जबकि हकीकत यह है कि उसी स्टाॅक डीजल-पेट्रोल को अपनी कमाई का जरिया बना कर तय कीमत से अधिक दाम पर बेच कर आमजनता का शोषण किया जा रहा है और पेट्रोल पम्प मालिक का कहना है कि मेरा मामा एसपी कार्यालय में आई टी सेल में पदस्थ हैं जिसको जहां लगे और जिससे लगे शिकायत करे, पैट्रोल पम्प मालिक का कहना है कि जिसको लगे तो एसपी से लगे तो कलेक्टर से शिकायत करो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।

आज जहां वाहन मालिकों और चालकों के शोषण को लेकर संगठन हड़ताल करने की बात को लेकर पूरे देश में लोग परेशान हैं ऐसे में कोई मजबूर को पेट्रोल डीजल देने और नहीं देने की बात को परे रखकर शासन-प्रशासन के पुलिस अधिकारी-कर्मचारी का खौफ दिखाकर एक पेट्रोल पम्प संचालक द्वारा निर्धारित कीमत से अधिक दामों पर पेट्रोल डीजल बेचकर आमजनता का शोषण करना आखिर यह भ्रष्टाचार कब तक चलेगा, और इस मामले को लेकर पुलिस और कानून अपने स्वयं के नुमाइंदों के खिलाफ क्यों वैधानिक कार्यवाही नहीं कर रही है, वहीं दूसरी ओर जहां ये पेट्रोल पम्प मालिक अपने रिश्तेदारों की वजनदारी और अपना रुवाब दिखाकर वाहन चालकों और मालिकों तथा आमजनता का शोषण कर रहे हैं, वहां जिले में संबंधित विभाग के आला अधिकारी इन भ्रष्टाचारीयों के खिलाफ तथा इन पेट्रोल पम्प संचालकों के रिश्तेदारों तथा संरक्षणकर्ताओं के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं कर रही है। अपनी कुर्सी तथा ओहदे का खौफ दिखाकर तथा अपनी निजी कमाई के चलते कुछ विभागों के अफसर इन भ्रष्टाचारीयों तथा शोषणकारी पेट्रोल पम्प संचालकों को संरक्षण प्रदान करते हैं नतीजा जगह-जगह खुलेआम आमजनता का शोषण किया जा रहा है जो ऐंसे संवेदनशील समय में किसी मजबूर को पेट्रोल डीजल देने से मना कर रहे हैं और उसी पेट्रोल डीजल को बाद में ऊंचे कीमतों में बेचकर अपनी कमाई का जरिया बनाया गया है जिसकी हिस्सेदारी उन संरक्षणकर्ताओं को भी दिया जाता है जो स्वयं को पुलिस विभाग का अधिकारी और पेट्रोल पम्प मालिक को अपना रिश्तेदार बता रहे हैं। ऐंसे मामलों को लेकर आखिर संगठन क्यों खामोश बैठी है।

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