उच्च न्यायालय के आदेश का दो माह बीतने के बाद भी नही हो सका पालन स्थानांतरण के बाद भी डटे जनपद सीईओ...





रेवांचल टाईम्स - मण्डला आदिवासी बाहुल्य जिले में एक अधिकारी आकर प्रभार लेना नहीं चाहते है और आने के बाद जाना नहीं चाहते है, वही लंबे समय से देखने और सुनने आ रहा है कि जिले में पदस्थ अनेक अधिकारी और कर्मचारियो के स्थानांतरण होने के बाद भी उन्हें रिलीव नही किया जा रहा है। आखिर क्यों इन अधिकारियों को वरिष्ठ अधिकारी अभयदान क्यों दे रहे हैं। वहीं चर्चा है कि वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से यह पूरा खेल चल रहा है स्थानांतरण के बाद अधिकारियों को रिलीव न करना उन्हें उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का मौंका देना और उच्च न्यायालय के आदेश को भी ठेंगा दिखाना कहां तक सही कहा जा सकता हैं। ऐसा ही एक मामला जनपद पंचायत बीजादांडी में पदस्थ प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रमोद कुमार ओझा का सामने आया है। साहब बड़े खिलाड़ी बताए जाते हैं निर्माण कार्यो में कमीशन खोरी की जमकर चर्चा है तो वहीं घटिया कामों के लिए क्षेत्र की पहचान से भी इंकार नही किया जा सकता जब साहब का मण्डला से बालाघाट स्थानांतरण हुआ तो उन्होंने न्यायालय की शरण ली और जब वहां से भी राहत नही मिली तो जिले के अधिकारियों से महोदय ने सैटिंग जमा ली।  यहां पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। स्थानांतरण के बाद भी साहब डटे हुए हैं आखिर क्या वजह है कि अधिकारी के स्थानांतरण के बाद न्यायालय का दरवाजा खटखटाना और जब वहां से राहत न मिलने पर अन्य जगह स्थानंतरण होने पर रिलीव न किया जाना चर्चा में आ गया है। मप्र शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल दिनांक 7 अक्टूबर 2023 के आदेश में उल्लेख है कि  क्रमांक 8916/782/22/वि-2/स्था-2023-विभागीय आदेश क्रमांक 7128/22/वि-2/स्था./23 दिनांक 31.7.23 के सरल क्र 01 द्वारा प्रमोद कुमार ओझा प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बीजाडांडी जिला मंडला का स्थानांतरण जनपद पंचायत कटंगी जिला बालाघाट किया गया था। जिसके विरुद्ध श्री ओझा ने उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट याचिका क्रमांक 19748/23 दायर की थी। जिसमें उच्च न्यायालय द्वारा आदेश दिनांक 11.08.23 के माध्यम से श्री ओझा के अभ्यावेदन का निराकरण करने हेतु आदेशित किया गया। श्री ओझा ने उनकी पत्नि के रक्षा मंत्रालय भारत सरकार के अधीन जिला जबलपुर में कार्यरत होने एवं पारिवारिक दायित्वों के निर्वाहन करने हेतु किये गये स्थानांतरण को निरस्त अथवा संशोधन करने का अनुरोध किया है। श्री ओझा की समक्ष सुनवाई की गई। अत: श्री ओझा के अभ्यावेदन पर विचारोपरांत राज्य शासन एतद् दवारा श्री ओझा के जनपद पंचायत कटंगी जिला बालाघाट किये गये स्थानांतरण में संशोधन करते हुए उन्हें जनपद पंचायत मेंहदवानी जिला डिण्डोरी में पदस्थ करता है। स्थानांतरण नीति की कंडिका क्रमांक 42 के अनुसार स्थानांतरण आदेश जारी होने के पश्चात दो सप्ताह में कार्यमुक्त किया जाना अनिवार्य है। स्थानांतरण नीति की कंडिका क्रमांक 47 के अनुसार कार्यमुक्त होने के पश्चात एवं नवीन पदस्थापना पर कार्यभार ग्रहण करने के मध्य की अवधि के किसी भी प्रकार का अवकाश सामान्य प्रशासन विभाग का अभिमत प्राप्त करने के पश्चात ही स्वीकृत किया जा सकेगा। लेकिन इस आदेश का दूर-दूर तक पता नही है और अधिकारी मजे से कुर्सी में जमे बैठे हैं। वहीं सूत्रों का कहना है कि जनपद पंचायत बीजादांडी में फर्जी बैठकों और ग्राम पंचायतों में फर्जीवाड़े का दौर भी चल रहा है यहां पर तथाकथित लोगों को इशारे में काम करने वाले लोग मजे मार रहे हैं और जो लोग नियम और कानून से काम कर रहे है उन्हें परेशान किया जा रहा है।

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