हमारा बदलता लाइफस्टाइल कई बीमारियों को न्योता दे रहा है, पिछले एक दशक में कामकाजी महिलाओं के लाइफस्टाइल में काफी बदलाव आए हैं. लगातार काम का स्ट्रेस और साथ में स्मोकिंग की आदत महिलाओं में कई बीमारियों की वजह बन रही है. अब एक रिसर्च में भी इस बात पर मुहर लग गई है कि ये आदत बेहद खतरनाक हो सकती है और स्मोकिंग करने वाली महिलाओं में हार्ट अटैक का दूसरी महिलाओं की तुलना में ज्यादा खतरा हो सकता है.
ताजा रिपोर्ट के मुताबिक केवल पुरुष ही नहीं महिलाएं भी हार्ट अटैक का शिकार होती हैं. पिछले कुछ सालों में महिलाओं में स्मोकिंग का चलन बढ़ने से महिलाओं के लंग्स कमजोर हो रहे हैं. वही हार्ट के फंक्शस पर भी असर बढ़ रहा है, जिससे हार्ट अटैक आने का खतरा रहता है.
कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉक्टर कहते हैं कि हार्ट अटैक के कुछ सामान्य रिस्क फैक्टर्स हैं, जहां पुरुषों में 45 साल की उम्र के बाद, वहीं महिलाओं में सामान्यत: 55 की उम्र के बाद हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है. इसके साथ ही जिन परिवारों में हार्ट अटैक का इतिहास हो, ज्यादा स्मोकिंग करने वाले, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज के मरीज और अनहेल्दी लाइफस्टाइल हार्ट अटैक के खतरे को और ज्यादा बढ़ाता है.
सिगरेट के धुएं से ब्लड में क्लॉटिंग की प्रवृति बढ़ जाती है, ये क्लॉटिंग हृदय की धमनियों से होकर जाने वाले ऑक्सीजन युक्त ब्लड की सप्लाई को प्रभावित करती है, जिससे ज्यादा धूम्रपान करने वाले युवाओं में अचानक से हार्ट अटैक हो जाता है. इसमें पहले किसी तरह के लक्षण भी दिखाई नहीं देते.
स्मोकिंग की वजह से महिलाओं में होने वाले हार्ट अटैक के मामले पिछले कुछ सालों में ही बढ़े हैं. ये मामले ज्यादातर 20 से 35 साल की महिलाओं में ज्यादा देखे गए हैं. स्मोकिंग की बात की जाए तो इससे महिलाओं में इंफर्टिलिटी, हार्मोंस में बदलाव, पीसीओडी, थॉयराइड और अबॉर्शन के केस बढ़े हैं, वहीं इससे लंग्स से जुड़ी समस्याएं और मानसिक परेशानियां जैसे की तनाव के मामलों में भी वृद्धि हुई है.
इस रिपोर्ट ने ये साफ कर दिया है कि स्मोकिंग हार्ट अटैक के खतरे को तीन गुना तक बढ़ाती है, इसलिए डॉक्टर्स का कहना है कि आप जितना जल्दी हो सके उतनी जल्दी स्मोकिंग करना छोड़ दें.