बिना विज्ञापन निकाले कर ली गई अतिथि शिक्षको की भर्ती, बम्हनी हाई स्कूल प्रभारी की भूमिका संदिग्ध लग रहे गंभीर आरोप...

 




रेवांचल टाईम्स - मंडला, जिले में शिक्षको की मनमानी को लेकर अनेक मामले सामने आ रहे है और स्कूलों में पदस्थ जिम्मेदार प्राचार्य अपने चहेतो को अतिथि शिक्षक के पद में नियुक्त करने में नही है पीछे और तो और नियम विरुद्ध नियुक्ति कर रहे है। जिसकी शिकायत होने के बाद में भी जू तक नही रेग रही हैं वही कही कही स्कूलों के शिक्षक बच्चीयो के छेड़छाड़ कर रहे है तो कही समय मे नही पहुँच रहे है ऐसे अनेकों अनिमितताओं सामने आ रही वावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारी के द्वारा कार्यवाही न करते हुए उनके पक्ष में खड़े नजर आ रहे हैं।





      वही ऐसा ही एक मामला सामने आया है कि निवास स्कूल एक शिक्षा का मंदिर होता है। जिसमे विद्यार्थी अध्यापन कर अपने सुनहरे भविष्य का निर्माण करने में एक अहम भूमिका निभाते है। शिक्षा विभाग व शासन द्वारा विद्यार्थियों के लिए हर संभव प्रयास करती है जिससे अध्यापन करने मे कोई समस्या ना हो, शिक्षको की कमी को देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग योग्य अतिथि शिक्षक की भर्ती की जाती है। लेकिन कुछ स्कूल प्रभारी मनचाहे तरीके से अतिथि शिक्षको की भर्ती नियम विरुद्ध कर लिए है। यह मामला निवास विकासखण्ड के बम्हनी हाई स्कूल का है।जो मिडिल स्कूल में पदस्थ दीपक दुबे जिनको हाई स्कूल बम्हनी का प्रभार दिया गया। प्रभार  लेते ही ये अपने आपको फुल फ्रेश प्राचार्य मान बैठा है।और स्कूल शिक्षा विभाग व शासन के नियमों को दरकिनार करते हुए मन चाहे तरीके से नियम विरुद्ध अतिथि शिक्षको की भर्ती कर लिए है। और अपने आपको सर्वोपरि नियुक्तिकर्ता मानते है जबकि खुद अतिथि शिक्षक मे कई वर्षो से काम के चुके है।और अतिथि शिक्षक की पीड़ा को ही नहीं समझ रहे है। जिसकी लिखित शिकायत कलेक्टर से की लेकिन कार्यवाही नहीं होने से स्कूल प्रभारी के हौसले बुलंद हो गए है। लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल आयुक्त व हाई कोर्ट के आदेश है।विगत वर्ष कार्यरत ऐसे अतिथि शिक्षक जिनका रिज़ल्ट 30% से अधिक आए उन्हीं को प्राथमिकता दी जाए , बिना सहमति पत्र लिए किसी अन्य अतिथि शिक्षको की नियुक्ति नहीं करना है ।लेकिन विगत वर्ष सामाजिक विज्ञान में कार्य करने महिला अतिथि शिक्षिका जिसने दसवीं बोर्ड परीक्षा में 89 % रिज़ल्ट दिए। उनकी भर्ती ना करके किसी बिना बीएड, डीएड वाले अप्रशिक्षित की नियुक्ति बिना विज्ञापन के ही कर ली गई है। शिकायत के बाद अनान फानन में ही 12 सितंबर के बाद फर्जी नियुक्ति किए गए अतिथि को हटा दिया गया।  ताकि जांच मे पता ना चाल पाए। कुछ समय के बाद फिर उसी की नियुक्ति कर दी गई।  जिनसे विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी और स्कूल प्रभारी की मिली भगत से निकालो नियुक्ति करो का सिलसिला जारी रहा। लेकिन जिला कलेक्टर को लिखित शिकायत करने के बाद भी स्कूल प्रभारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक व निलंबन की कार्यवाही क्यों नहीं कि गई ,ऐसे कई जिलों है जिसमे अतिथि शिक्षको भर्ती में अनियमिताएं पाए जाने पर प्रभारी प्राचार्य व बीईओ को निलंबन किया गया ।लेकिन यहां तो नियुक्ति करना और हटा देना खेल जैसा बना रखे है।आखि़र जब नियम विरुद्ध भर्ती की गई तो कार्यवाही क्यों नहीं की गई?। क्या राजनैतिक संरक्षण के अनुसार भर्ती की गई है। और अगर नियम विरुद्ध अतिथि शिक्षक की नियुक्ति की गई। तो फिर कार्यवाही होना भी सुनिश्चित है।


सीएम हेल्प लाइन का कोई असर नहीं

 सीएम हेल्पलाइन शिकायत नम्बर 235596,,,,,8 जिसकी शिकायत 4 अगस्त 23 को गई, लेकिन अभी तक कोई निराकरण नहीं हुआ।अचार सहिता के कारण शिकायत हुई लंबित ।लेकिन एल 3 मे शिकायत होने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं कि गई जबकि जांच कर तुरंत निर्णय होना चाहिए। सरकार के भी आदेश है कि तत्काल जांच कर कार्रवाई होना चाहिए।सी एम हेल्पलाइन एक मजाक बना रखे है।जिसमे कार्यवाही कछुआ चाल से हो रही है। आखिर क्यों ? दोषी शिक्षक के उपर कार्यवाही नहीं की जा रही है। क्यों उसे बचाया जा रहा है क्या पूरा सत्र निकल जाने के बाद कार्यवाही की जाएगी।


उपस्थिति के बाद भी किया गया कम भुगतान 


अतिथि शिक्षक मे कार्यरत हर  शिक्षको का पूरा भुगतान किया गया। लेकिन 5 कालखंड (पीरियड) में अध्यापन कार्य किए जाने के बाद भी हर माह का कम भुगतान किया गया। जबकि अन्य अतिथि शिक्षको का अनुपस्थिति होने के बाद भी पूरा भुगतान किया गया।आखिर ऐसा भेदभाव क्यों ?? इसकी जांच होनी चाहिए। जब रजिस्टर मे जानकारी चाही गई तो, उपस्थिति रजिस्टर दिखाने से मना किया और कहा जाओ किसी उच्च अधिकारियों से लिखवा लाओ, तब मे दिखा दूंगा। उपस्थिति रजिस्टर में की गई काटा पीटी और अपनी कमी को बचाने के लिए इस सत्र 2022 23 का नया रजिस्टर बनाया।ताकि खुद की कमी का पता ना चल सके।उचित जांच कर निष्पक्ष कार्यवाही होनी चाहिए ।


बिना आदेश के प्रयोगशाला अतिथि की गई भर्ती 

मंडला जिले सहित किसी भी विकासखण्ड  हाई स्कूल में विज्ञान प्रयोगशाला अतिथि शिक्षक की भर्ती करने का आदेश नहीं है।तो फिर हाई स्कूल प्रभारी दीपक दुबे ने  अपनी मनमानी करते हुए बिना किसी आदेश के ही बम्हनी हाई स्कूल में प्रयोगशाला सहायक अतिथि शिक्षक की भर्ती क्यों कर लिए है।जबकि हर माह प्रयोगशाला अतिथि शिक्षक का भुगतान दस हजार रूपए  किया जा रहा है। प्रयोगशाला अतिथि शिक्षक की नियुक्ति करने का आदेश नहीं है तो फिर क्यों भर्ती कर ली गई। मतलब शासन के राशि का दुरुपयोग करने का अधिकार किसने दिया। आखिर किसके संरक्षण की गई भर्ती ,ओर यदि नियम विरुद्ध की गई है तो फिर निलंबन क्यों नहीं किया गया।जिसकी  शिकायत जिला कलेक्टर मंडला, जनसुनवाई, सी एम हेल्प लाइन, सहायक आयुक्त  को लिखित शिकायत की गई थी।

जिसमे जिला स्तरीय जांच कमेटी की गई थी। तो उस जांच टीम में निवास बीईओ को क्यों लिया गया, क्योंकि एक दूसरे की मोन स्वीकृति से ही भर्ती की गई है।जिसके कारण अभी तक कोई निलंबन व अनुशासनात्मक कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है। लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के आदेश की अवहेलना की गई है तो निलंबन जैसी प्रक्रिया सुनिश्चित होती है। अब देखना है कि कार्यवाही क्या होगी।


इनका कहना है...

मामला संज्ञान में आया जांच कर दिखवा लेता हूं। जो गलत होगा उस पर उचित कार्यवाही की जाएगी।

                                    एल एस जगोत 

            सहायक आयुक्त आदिवासी विकास मंडला

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