औषधीय गुणों का खजाना है तुलसी, इस तरह सेवन करने से मिलेंगे कमाल के फायदे



नई दिल्ली। भारत (India) में तुलसी के पत्तों का धार्मिक महत्व (religious significance) तो है ही, इसका इस्तेमाल औषधि के रूप में भी खूब किया जाता है. तुलसी एक ऐसा पौधा है, जो हर घर में आसानी से मिल जाता है. तुलसी को होली बेसिल भी कहा जाता है.

तुलसी के औषधीय गुणों (medicinal properties) के कारण कई आयुर्वेदिक और नेचुरोपैथिक चिकित्सालयों (Ayurvedic and Naturopathic Hospitals) में जड़ी बूटी बनाने के लिए भी होता है. इस ‘मेडिकल हर्ब’ के कई प्रकार हैं, जिनमें रामा तुलसी और कृष्णा तुलसी सबसे आम हैं. लेकिन दोनों में क्या अंतर है और आपको अच्छी सेहत के लिए किसे चुनना चाहिए?

बैंगलोर के अपोलो हॉस्पिटल की चीफ क्लिनिकल डाइटिशियन डॉ. प्रियंका रोहतगी ने रामा तुलसी और कृष्णा तुलसी (Rama Tulsi and Krishna Tulsi) के बीच अंतर बताते हुए कहा कि, रामा तुलसी का उपयोग ज्यादातर पूजा पाठ में किया जाता है. यह तुलसी अपनी औषधीय गुणों के लिए काफी प्रसिद्ध है. इस किस्म की तुलसी की पत्तियों का स्वाद मीठा होता है. श्यामा तुलसी को ‘डार्क तुलसी’ या ‘कृष्णा तुलसी’ के नाम से भी जाना जाता है. इस तुलसी के पत्ते हरे और बैंगनी रंग के होते हैं और इसका तना बैंगनी रंग का होता है.

वेदास क्योर के फाउंडर और डायरेक्टर विकास चावला ने रामा तुलसी के बारे में बताया कि, “इस तुलसी को हिंदू धर्म में दवाईयों का रामबाण कहा जाता है. इसका इस्तेमाल धार्मिक पूजा पाठ के लिए किया जाता है.” विकास चावला ने कृष्णा तुलसी के बारे में भी बताया कि,”कृष्णा तुलसी को पर्पल बेसिल लीफ के नाम से भी जाना जाता है. इस तुलसी का इस्तेमाल कम किया जाता है, लेकिन इसके भी काफी औषधीय फायदे हैं.”

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