दीपावली के दिन स्थिर लग्न में पूजा करना बेहद शुभ, यहां जानें 5 स्थिर लग्न और शुभ चौघड़िया मुहूर्त



नई दिल्ली। दीपावली (diwali ) का प्रसिद्ध पर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या को मनाया जा रहा है।कहते हैं स्थिर लग्न में महालक्ष्मी (Mahalaxmi) का पूजन करने से स्थायी मां लक्ष्मी घर में निवास करती हैं। आप भी नीचे दिए गए स्थिर लग्न में ही दिवाली का पूजन करें। महागणपति (mahaganapati) , महालक्ष्मी एवं महाकाली की पौराणिक अथवा तांत्रिक विधि से साधना-उपासना का परम पवित्र पर्व दीपावली ,उद्योग-धंधे के साथ-साथ नवीन कार्य करने एवं पुराने व्यापार (old business) में खाता पूजन का विशेष विधान है।

दीपावली कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्‍या (krshn paksh amaavas‍ya) को मनाई जाती है जो इस वर्ष श्री शुभ संवत् 2079 शाके 1944 कार्तिक कृष्ण अमावश्या तिथि 24 अक्टूबर 2022 दिन सोमवार को विश्वभर में मनाई जाएगी। अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर 2022 दिन सोमवार को सायं 5:04 से आरंभ होकर अगले दिन अर्थात 25 अक्टूबर 2022 दिन मंगलवार को सायं 4:35 तक व्याप्त रहेगा। इस प्रकार अमावस्या की सम्पूर्ण रात 24 अक्टूबर को ही मिल रहा है | इसके अतिरिक्त इस अमावस्या तिथि के आरम्भ के साथ दिन में 3:18 बजे से सम्पूर्ण रात चित्रा नक्षत्र तथा दिन में 3:58 के बाद से ही विष्कुम्भ योग पूरी रात व्याप्त रहेगी।

साथ ही सोमवार को ही प्रदोष काल (Pradosh Kaal) का भी बहुत ही उत्तम योग मिल रहा है |धर्म शास्त्रो के अनुसार दीपावली के पूजन में प्रदोष काल अति महत्त्वपूर्ण होता है | दिन-रात के संयोग काल को ही प्रदोष काल कहते है , जहां दिन विष्णु स्वरुप है वहीँ रात माता लक्ष्मी स्वरुपा है ,दोनों के संयोग काल को ही प्रदोष काल कहा जाता है | धर्मशास्त्रोक्त दीपावली ‘ प्रदोष काल एवं महानिशीथ काल व्यापिनी अमावश्या में विहित है , जिसमे प्रदोष काल का महत्त्व गृहस्थो एवं व्यापारियो हेतु महत्त्वपूर्ण होता है तथा महानिशीथ काल तान्त्रिकों के लिए उपयुक्त होता है |

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