इस बार दीपावली (Diwali) के अगले दिन अमावस्या और सूर्यग्रहण (new moon and solar eclipse) होने के कारण मंगलवार 25 अक्तूबर को कोई त्योहार नहीं मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्यों (astrologers) के अनुसार, ऐसा संयोग 27 साल बाद देखने को मिल रहा है। यह ग्रहण भारतवर्ष (Bharatvarsh) सहित मध्य पूर्व, पश्चिम एशिया आदि स्थानों पर दिखाई देगा। इसका सूतक प्रभाव प्रात: काल इसी दिन 4:28 बजे से शुरू हो जाएगा।
भारतीय स्टैंडर्ड टाइम के अनुसार सूर्यग्रहण क्रांति मालिन्य के साथ दोपहर 2:28 बजे से शुरू होगा और शाम 4:28 बजे स्पर्श होगा। शाम 5:29 बजे सूर्यास्त के साथ ग्रहण समाप्त हो जाएगा। ज्योतिष त्रिभुवन उप्रेती ने बताया कि सूर्यग्रहण का सूतक ग्रहण काल के नौ घंटे पहले शुरू हो जाता है।
इस दौरान गर्भवती महिलाओं को ग्रहणकाल में ग्रहण देखने का दोष होता है। इस अवधि में उपवास रखकर हवन यज्ञ, तिल दान करने का महत्व कहा गया है। ग्रहण काल में शयन, शराब, मांस, मदिरा का सेवन कदाचित नहीं करना चाहिए। ग्रह दान, जप, असहाय सेवा के लिए उत्तम है। ग्रहण के बाद हवन आदि कर स्वयं स्नान करना चाहिए।
राशियों पर ग्रहण का प्रभावमेष: मान सम्मान विद्या हानि।
वृष: राज्य व्यापार लाभ।
मिथुन: आर्थिक शैक्षिक लाभ।
कर्क: खर्च, आर्थिक नुकसान।
सिंह: शरीर कष्ट, मानसिक तनाव।
कन्या: धन हानि, पारिवारिक विवाद।
तुला: लक्ष्मी प्राप्ति, यश कीर्ति।
वृश्चिक: रोग कष्ट, विद्या हानि।
धनु: संतान कष्ट, तनाव।
मकर: स्वास्थय लाभ।
कुंभ: दांपत्य जीवन में खलल, आत्मग्लानि।
मीन: शरीर कष्ट, मानसिक तनाव रहेगा।