Delhi. ओबीसी आरक्षण को लेकर शिवराज सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ कराने का फैसला किया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि, सभी वर्गों के आरक्षण को मिलाकर किसी भी स्थिति में 50 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए। आपको बता दें कि, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बिना आरक्षण के ही नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव कराने के निर्देश दिए थे। इस फैसले के बाद सरकार के हाथपांव फूल गए थे। आनन फानन में सरकार ने देश के सॉलिस्टर जनरल से चर्चा कर कोर्ट में मॉडिफिकेशन याचिका दायर की थी। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला कोर्ट ने दिया है। कोर्ट के इस फैसले को सीएम शिवराज ने सत्य की जीत बताया है।
सरकार ने कोर्ट में जनसंख्या के आंकड़े किए पेश
सुनवाई के दौरान सरकार ने साल 2011 में हुई जनगणना के आंकड़े पेश किए थे। उस दौरान प्रदेश में ओबीसी की 51 फीसदी आबादी थी। सरकार का कहना था कि, इस आधार पर ओबीसी को आरक्षण मिलता है तो, उसके साथ न्याय हो सकेगा। कोर्ट ने अपने पिछले फैसले में कहा था कि, ट्रिपल टेस्ट की निकाय वार रिपोर्ट का आकलन करने के बाद ही तय किया जाएगा कि ओबीसी को आरक्षण दिया जाए या नहीं। राज्य सरकार ने निकाय चुनावों में ओबीसी को 0 से 35 फीसदी आरक्षण दिए जाने के लिए निकायवार रिपोर्ट तैयार की है। इसी को पेश करने के बाद कोर्ट ने आरक्षण दिये जाने का फैसला सुनाया।