वैशाख पूर्णिमा को क्यों कहते हैं बुद्ध पूर्णिमा, जानें पूजा तिथि, मुहूर्त और व्रत के लाभ



वैशाख मास की पूर्णिमा इस साल 16 मई दिन सोमवार को पड़ रही है. इसी दिन बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध का जन्म नेपाल के लुंबिनी नामक स्थान पर हुआ था, इसलिए वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू धर्म ग्रंथों और बौद्ध धर्म ग्रंथों में वैशाख पूर्णिमा का विशेष महत्व है. भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु के नवें अवतार के रूप में जाना जाता है. इसलिए वैशाख पूर्णिमा में भगवान बुद्ध और भगवान विष्णु की पूजा के साथ साथ चंद्रदेव की भी पूजा की जाती है.

पूजा तिथि और मुहूर्त

इस साल 16 मई दिन सोमवार को वैशाख पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा. बुद्ध पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त 15 मई दिन रविवार को 12:45 से 16 मई दिन सोमवार को 9:43 तक रहेगा.

वैशाख पूर्णिमा के व्रत के लाभ

वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इस साल इसी दिन चंद्र ग्रहण पड़ने की वजह से चंद्र देव की भी उपासना की जानी है. बुद्ध पूर्णिमा को बौद्ध धर्म मानने वाले लोग जहां जहां भी हैं, वहां प्रकाश उत्सव मनाते हैं. दीप प्रज्वलित करते हैं और बड़े हर्षोल्लास के साथ भगवान बुद्ध का जन्मदिन मनाते हैं.

वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और चंद्र देव की उपासना करने से आर्थिक संकटों से छुटकारा मिलता है. मानसिक विकार से मुक्ति के साथ-साथ आत्मबल में वृद्धि होती है. धन यश और मान सम्मान में भी बढ़ोतरी होती है.



भगवान बुद्ध के आदर्शों पर चलने वाले, बौद्ध धर्म को मानने वाले वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध के सत्य और अहिंसा के व्रत का पालन करते हुए, उनकी शिक्षाओं का सम्मान करते हुए उनका जन्म उत्सव बड़े हर्ष और उल्लास से मनाते हैं.

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