एक विचित्र घटना में, चित्रकूट के बालाजी मंदिर से 16 कीमती मूर्तियों की चोरी करने वाले चोरों ने रविवार को उनमें से 14 को मंदिर के मुख्य पुजारी के घर के पास छोड़ दिया। इसे चमत्कार कहें या ईश्वर का भय, उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले के तरौन्हा के निवासी मूर्तियों को पाकर दंग रह गए।
कारण बताते हुए, चोरों ने एक पत्र भी लिखा जिसमें दावा किया गया कि अपराध करने के बाद उन्हें बुरे सपने आ रहे थे और वे सो नहीं पा रहे थे।
सदर कोतवाली कर्वी के थाना प्रभारी राजीव कुमार सिंह ने बताया कि तरौन्हा के प्राचीन बालाजी मंदिर से नौ मई की रात को कई करोड़ की 16 अष्टधातु की मूर्ति चोरी हो गई थी। इस संबंध में महंत रामबालक ने अज्ञात चोरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी।
उन्होंने कहा, “चोरी की गई 16 मूर्तियों में से 14 रविवार को महंत रामबालक के आवास के पास एक बोरे में रहस्यमय तरीके से मिलीं।” उन्होंने कहा कि पुजारी को बोरी के साथ एक पत्र भी मिला जिसमें चोरों ने लिखा था कि उन्हें रात में डरावने सपने आ रहे थे। इसलिए डर के मारे वे मूर्तियों को लौटा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में सभी 14 अष्टधातु (आठ धातुओं से बनी) मूर्तियों को कोतवाली में जमा कर दिया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।
पुजारी ने कहा, चुराई गई सभी मूर्तियां करीब 300 साल पुरानी थीं। मूर्तियों में से नौ अष्टधातु की, तीन तांबे की और चार पीतल की बनी थीं। जबकि आधा दर्जन मूर्तियां राधा-कृष्ण की थीं, अन्य छह शालिग्राम (भगवान विष्णु का एक रूप) की थीं। बाकी अलग-अलग देवताओं के थे।